08 अक्टूबर: अंतरराष्ट्रीय ऑक्टोपस दिवस आज, अनुकूलन क्षमता और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में निभाते हैं अहम भूमिका

आज 08 अक्टूबर 2025 है। आज अंतरराष्ट्रीय ऑक्टोपस दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन ऑक्टोपस की अद्भुत बुद्धिमत्ता, अनुकूलन क्षमता और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के लिए समर्पित है, साथ ही समुद्री संरक्षण को बढ़ावा देता है।

खास है महत्व

यह दिन ऑक्टोपस और अन्य समुद्री जीवों की अद्भुत विविधता और जटिलता का जश्न मनाने का एक अवसर है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में लोगों को ऑक्टोपस जैसे बुद्धिमान समुद्री जीवों और उनके पारिस्थितिक तंत्र के महत्व के बारे में शिक्षित करना है।साथ ही यह दिन प्रदूषण और अत्यधिक मछली पकड़ने जैसी खतरों से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देता है, खासकर यह देखते हुए कि ऑक्टोपस डायनासोर से भी पहले से मौजूद हैं।

‘अष्टबाहु’ के नाम से भी जाना जाता है ऑक्टोपस

समुद्र के तल पर रहने वाला यह आठ पैरों वाला रहस्यमयी जीव हमेशा से ही अपनी बुद्धिमत्ता, गतिशीलता और सुंदरता के लिए जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह समुद्री जीव हैं, जो समुद्र की गहराइयों में या समुद्र तट पर रहते हैं और सुबह-शाम भोजन की तलाश में समुद्र के ऊपरी हिस्से में आते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ऑक्टोपस की दो-चार नहीं बल्कि 300 के करीब प्रजातियां हैं और ये दुनिया के हर महासागर में रहते हैं। इस जीव को भारत में ‘अष्टबाहु’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इनकी आठ भुजाएं होती हैं और सबसे हैरानी की बात तो ये है कि बहुत ज्यादा भूख लगने पर वो अपनी ही भुजाएं खा जाते हैं।