आज 10 सितंबर 2025 है। आज विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। हर महीने की संकष्टी चतुर्थी का एक विशेष नाम होता है। आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और साधक पर गणेश जी की कृपा बनी रहती है।
जानें शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 सितंबर, बुधवार की दोपहर 03 बजकर 38 मिनिट से शुरू होगी, जो 11 सितंबर, गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 45 मिनिट तक रहेगी। चूंकि चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय 10 सितंबर को उदय होगा, इसलिए इसी दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।
जानें पूजन विधि
आज प्रात: स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देव की पूजा करके उनको जल अर्पित करें । उसके बाद हाथ में जल, अक्षत् और फूल लेकर चतुर्थी व्रत और गणेश पूजा का संकल्प ले। पूजा के शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करें । उनको जनेऊ, वस्त्र, मौली, सिंदूर, चंदन, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, दुर्वा, लाल पुष्प, माला, फल, हल्दी आदि अर्पित करते हुए पूजा करें । अब गणपति बप्पा को उनका पसंदीदा भोग मोदक या फिर बूंदी के लड्डुयों का भोग अर्पित करें । उसके बाद गणेश चालीसा और विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें । इसके बाद गणेश जी की घी से आरती करें । उसके पश्चात पूजा में कमियों के लिए क्षमा मांग लें और जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता प्रदान करने या मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें । आज आप ओम गं गणपतये नम: का मंत्रो का उच्चारण करते रहें। आज आप अपनी क्षमता के अनुसार वस्त्र, अन्न, धन आदि का दान भी कर सकते हैं।