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18 नवंबर: आज है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश की पूजा का विधान, जानें शुभ मुहूर्त

आज 18 नवंबर 2024 है। आज गणाधिप संकष्टी चतुर्थी है। संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र दिन है। हिन्दू धर्म में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर्व का बहुत महत्व होता है। हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है।

जानें शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवंबर की शाम 6 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है‌। जो अगले दिन यानी 19 नवंबर दोपहर की शाम 5 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में चन्द्रोदय 18 नवंबर की शाम 7 बजकर 34 मिनट पर होगा।

जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 09.26 – सुबह 10.46
शाम 05.26 – रात 07.06

जानें पूजन विधि

आज सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। मंदिर की सफाई कर चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें। इसके बाद गणेश जी की पूजा शुरू करें। सबसे पहले जल से आचमन करने के बाद फूल, माला, दूर्वा, सिंदूर, रोली, कुमकुम आदि चढ़ा दें। इसके बाद मोदक, बूंदी के लड्डू के साथ मौसमी फलों का भोग लगाएं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर गणेश मंत्र गणेश चालीसा का पाठ करके आरती करे।

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