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25 दिसंबर: भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती विशेष: जब संसद में दिया था यह ऐतिहासिक भाषण जिसे आज भी किया जाता है याद

आज 25 दिसंबर 2024 है। आज भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती है। देशभर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाती है।

अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। 1996 में वे 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री रहे उसके बाद 1998 से 1999 के दौरान 13 महीने तक वे प्रधानमंत्री रहे। 1999 से 2004 तक उन्‍होंने प्रधानमंत्री के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। वे भारतीय जनता पार्टी के पहले नेता थे जो देश के प्रधानमंत्री बने। वे आजीवन अविवाहित रहे। 

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ जन्म

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। उन्हें काव्य लिखने की कला विरासत में मिली। उन्होंने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था। अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार वह राजनीति में तब आए जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। वह राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए। यह अपने आप में एक कीर्तिमान भी है। उनका निधन 16 अगस्त, 2018 को हुआ था।

भारतीय राजनीति के सर्वश्रेष्ठ वक्ताओं में गिने जाते हैं अटल बिहारी वाजपेई

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब भी वो सदन को संबोधित करते थे, तो तब सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के सांसद भी बड़ी गंभीरता से उनकी बातों को सुनते थे। उनका एक भाषण बताने जा रहे हैं जो आज भी याद किया जाता है।
📌📌 31 मई, 1996 को संसद में विश्वास मत के दौरान अटल जी ने एक भाषण देते हुए कहा था कि “देश आज संकटों से घिरा हुआ है। ये संकट हमने पैदा नहीं किया है। जब-जब कभी आवश्यकता पड़ी, संकटों के निराकरण में हमने उस समय की सरकार की मदद की‌। सत्ता का खेल तो चलेगा, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए। इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।”

सुशासन दिवस 2024 की थीम

सुशासन दिवस 2024 की थीम काफी खास और अलग रखी गई है। जो आम जनमानस के जीवन को आसान बनाती है। इस बार प्रशासन गांव की ओर “Prashasan Gaon Ki Ore” थीम पर सुशासन दिवस मनाया जा रहा है।

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