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26 नवंबर: आज पूरा देश मनाएगा संविधान दिवस, जाने इसका इतिहास

आज 26 नवंबर है। आज का दिन सभी भारतीय लोगों के लिए बेहद खास है। आज वही दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। इस वजह से इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।

देश के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का था सबसे प्रमुख रोल-

भारत में संविधान को तैयार करने में कुल दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे। हमारा संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है। संविधान दिवस को मनाना का एक मात्र उद्देश्य वेस्टर्न कल्चर के दौर में देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा हमारे देश के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का सबसे प्रमुख रोल था, इसलिए संविधान दिवस उन्हें श्रद्धाजंलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। 26 नवंबर को ही संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ. सर हरीसिंह गौर की भी जयंती है। हमारे संविधान में फिलहाल 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां हैं। जिनमें देश के हर पद पर बैठे नागरिक आम आदमी और सरकार के आदमी के कर्तव्यों और अधिकारों की चर्चा की गई है।

26 नवंबर को हुआ था एक दुखद हादसा भी-

आज के दिन एक और दुखद घटना भी घटी थी। 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में देश को दहला देने वाला आतंकवादी हमला हुआ था। देश की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमले किए थे जिनमें 166 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक घायल हुए थे। ये हमले तीन दिन तक चले। इस दौरान नौ हमलावर आतंकवादियों को मार गिराया गया और मुम्बई पुलिस ने एक आतंकवादी कसाब को जिंदा पकड़ लिया, जिसे बाद में फांसी दी गई।

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