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अल्मोड़ा: रामलीला के शानदार मंचन से कलाकारों ने लूटी दर्शकों की वाहवाही, रावण ने किया माता सीता का हरण

श्री भुवनेश्वर महादेव मन्दिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा की षष्टम दिवस की रामलीला में पंचवटी प्रसंग, शूर्पनखा नासिका छेदन, खर-दूषण वध ,त्रिसरा प्रसंग-वध,रावण-मारीच संवाद, सीता हरण,जटायु उद्वार अभिनय का मंचन किया गया। षष्टम दिवस की रामलीला मंचन में शूर्पनखा नासिका छेदन, खर-दूषण,त्रिसरा प्रसंग,साधु मारीच-रावण संवाद मुख्य आकर्षण रहे। दर्शकों ने कलाकारों के सुन्दर गायन,अभिनय की सराहना करते हुये रामलीला का आनन्द लिया। साथ ही रामलीला का ऑनलाइन प्रसारण भी किया गया जिससे देश -विदेश के व्यक्तियों ने घर बैठे ऑनलाइन रामलीला का आनन्द लिया साथ ही संदेशों के माध्यम से रामलीला मंचन की काफी सराहना की।

रामलीला मंचन के साथ कोरोना काल में जरूरतमंदों की सेवा की पहल सराहनीय

द्वितीय दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मेजर सिद्वार्थ कर्नाटक ,मेजर मेघा कर्नाटक तथा विशिष्ट अतिथि रंगकर्मी एवं सामाजिक कार्यकर्ता जया पाण्डे द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मुख्य अतिथियों ने अपने सम्बोधन में कहा कि श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला के संस्थापक व संरक्षक बिट्टू कर्नाटक के प्रयास सराहनीय और अद्भुत है। वे रामलीला मंचन के साथ-साथ सामाजिक चेतना जागृत करने,महिलाओं को मंच के माध्यम से आगे बढाने तथा कोरोना काल में जरूरतमंदों की सेवा की जो पहल उनके द्वारा की गयी वह सराहनीय है। आज समाज में बिट्टू कर्नाटक जैसे नेतृत्व की आवश्यकता है ,जिससे समाज का हित हो सके ।

इन कलाकारों द्वारा किया गया रामलीला का अद्भुत मंचन

राम की पात्र दिव्या पाटनी, लक्ष्मण-शगुन त्यागी,‌ सीता-किरन कोरंगा, रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, साधु मारीच-मनीष जोशी, खर-डा.करन कर्नाटक, दूषण-अखिलेश सिंह थापा, जोगी रावण-प्रकाश पिलखववाल, त्रिसरा- दीपक गोस्वामी, सूर्पनखा-मानसी मेहरा, सुप्रिया मेहरा, काव्या पाण्डे आदि ने जीवन्त अभिनय किया।रावण-मारीच तथा खर-दूषण के संवाद ने सभी का मन मोह लिया।

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