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अल्मोड़ा: दो माह बाद भी बच्चों को नहीं मिली स्कूल ड्रेस, शासन से नहीं मिला अब तक बजट

अल्मोड़ा:  सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाने और बच्चों को सुविधाएं मुहैया कराने दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इसका बड़ा उदाहरण जिले के राजकीय प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल हैं। इन स्कूलों के करीब 35000 हजार बच्चों को अब तक निशुल्क ड्रेस नहीं मिली है, जबकि नया शिक्षा सत्र शुरू हुए करीब दो माह का समय बीतने को है।

सर्व शिक्षा अभियान के कार्य प्रभावित हो रहे हैं

      योजना के तहत अब तक बजट नहीं मिलने से सर्व शिक्षा अभियान के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार राजकीय प्राथमिक स्कूलों और राजकीय जूनियर हाईस्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल श्रेणी के छात्रों, सभी वर्गों की छात्राओं और अनुसूचित जाति, जनजाति के बच्चों को दो-दो जोड़ी निशुल्क स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराती है। प्रत्येक पात्र विद्यार्थी को दो-दो जोड़ी ड्रेस देने के लिए छह-छह सौ रुपये की दर से स्कूलों को धनराशि दी जाती है। सरकारी स्कूलों का नया शिक्षा सत्र करीब दो माह पूर्व प्रारंभ हो गया है, लेकिन अब तक पात्र बच्चों को स्कूल ड्रेस उपलब्ध नहीं हो सकी है।

शासन से नहीं मिला स्कूल ड्रेस के लिए बजट

जिले के कुल 1700 राजकीय प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में ड्रेस के पात्र बच्चों की संख्या करीब 35000 है, लेकिन शासन से अब तक स्कूलों के लिए बजट नहीं मिल पाया है, जिसके चलते नया सत्र शुरू हुए दो माह बाद भी बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।  नई ड्रेस नहीं मिलने से बच्चे या तो पुरानी ड्रेस पहनकर आ रहे है या बिना ड्रेस के ही स्कूल पहुंच रहे हैं।

जल्द बच्चों को ड्रेस उपलब्ध करा दी जाएगी- मुख्य शिक्षा अधिकारी

वहीं सुभाष चंद्र भट्ट, मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा का कहना है कि बच्चों के स्कूल ड्रेस और अन्य मदों के लिए बजट अवमुक्त नहीं हुआ है। शासन से इस सप्ताह बजट अवमुक्त होने की उम्मीद हैं। जल्द बच्चों को ड्रेस उपलब्ध करा दी जाएगी।

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