4 जुलाई को उत्तराखण्ड कैबिनेट द्वारा अतिथि शिक्षकों के सम्बन्ध में तीन निर्णय लिए गए थे। जिसमे केवल 1 निर्णय का शासनादेश जारी किया गया । जिसके लिए अतिथि शिक्षकों द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के जरिये उत्तराखंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया ।
शासनादेश जारी नहीं किया गया है
ज्ञापन के जरिये कहा गया कि कैबिनेट द्वारा अतिथि शिक्षकों के सम्बन्ध में तीन निर्णय लिए गए थे।
जिसमें पहला निर्णय कार्यरत अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न माना जाए, दूसरा प्राथमिकता के आधार पर उन्हें अपने गृहजनपद में तैनाती देना, तीसरा मानदेय वृद्धि । ज्ञापन में कहा गया कि आज के दिन तक दो माह से अधिक का समय व्यतीत होने के बावजूद भी मानदेय वृद्धि के अतिरिक्त किए गए अन्य दो फैसलों पर शासन द्वारा शासनादेश जारी नहीं किया गया है जिससे प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं, इसी क्रम में प्रवेश कार्यकारिणी के आह्वान पर समस्त अतिथि शिक्षक दिनांक 13 व 14 सितम्बर को पूरे प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार पर हैं।
शिक्षा मंत्री से अनुरोध
सभी अतिथि शिक्षकों द्वारा शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया गया कि विगत 6 वर्षों से राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य हेतु कैबिनेट में लिए गए फैसलों पर अतिशीघ्र शासनादेश जारी किया जाए ।
ज्ञापन देने वालों में यह लोग रहे मौजूद
सुमित कुमार पांडेय, सुभाष जोशी, भूपेंद्र अगारी, नवल किशोर, राकेश कुमार, भरत प्रकाश आर्या, कैलाश चंद्र,ममता रावत, फ़ात्मा परवीन, पुष्पा जोशी, डौलू धौनी, प्रेमा सिज्वाली, मोनिका जोशी, मोनिका आर्या, दीपा बिष्ट, सुचिता बिष्ट, सोनू गोस्वामी, बीना पाठक, चंद्रकला पांडेय, हिमानी पन्त, सोनी नेगी, रेखा बिष्ट आदि लोग उपस्थित रहे ।