न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि अरोड़ा ने चेक बाउंस के महत्वपूर्ण फैसले में आरोपी समित वैष्णव पुत्र दयाननद वैष्णव को बरी कर दिया है ।
जाने पूरा मामला
न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा रवि अरोड़ा ने एक महत्वपूर्ण फैसले में चेक बाउंस के आरोपी समित वैष्णव पुत्र दयाननद वैष्णव को बरी कर दिया है । परिवादी किशोर कनवाल पुत्र गोपाल सिंह कनवाल मोहल्ला तिलकपुर अल्मोड़ा ने न्यायालय में समित वैष्णव के विरुद्ध परिवाद किया था कि उसने परिचित होने व मित्रवत सम्बंध होने के कारण माह मार्च 2020 में एक लाख अस्सी हजार रुपये की सहायता समित वैष्णव को बैंक ट्रांसफर द्वारा की थी । परिवादी द्वारा उक्त धनराशि लौटाने जब समित वैष्णव को तकाजा किया तो समित वैष्णव ने यूनियन बैंक शाखा अल्मोड़ा को अपने एकाउंट का चेक दिया । परिवादी किशोर कनवाल ने उक्त चेक अपने बैंक में 8-12-2020 को जमा किया जो बाउंस हो गया संबंधित बैंक ने दिनांक 09-12-20 को परिवादी को चेक बाउंस होने की सूचना दी। दि. 02-01-21 को परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी समित वैष्णव को चेक बाउंस होने के संबंध में नोटिस भिजवाया। नोटिस मिलने के बाद भी आरोपी ने कोई भी जवाब नहीं दिया और न ही नोटिस में कथित धनराशि ही परिवादी को वापस की, जिस कारण दावा करने की आवश्यकता हुई। न्यायालय से सम्मन मिलने के बाद आरोपी न्यायालय में उपस्थित हुआ।
परिवादी बैंक द्वारा आरोपी को एक लाख अस्सी हजार रूपये ट्रांसफर करने का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया
मामले के विचारण पर परिवादी बैंक द्वारा आरोपी को एक लाख अस्सी हजार रूपये ट्रांसफर करने का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया। आरोपी समित वैष्णव ने बचाव साक्ष्य में बतौर गवाह स्वयं को न्यायलय में प्रस्तुत किया तथा अपने बैंक अकाउंट की पास बुक माननीय न्यायालय में प्रस्तुत की जिसमें उक्त एक लाख अस्सी हजार रूपये उसके बैंक अकाउंट में आने बावत कोई प्रवष्टि नहीं पाई गई जिस आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी समित वैष्णव को बरी किया गया। आरोपी की ओर से मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता डी.के. जोशी एवं मो. इमरोज द्वारा प्रभावी पैरवी की गई।
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