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अल्मोड़ा: पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग  के विद्यार्थियों द्वारा महिलाओं को सशक्त करने, हिंसाएं रोकने, समानता स्थापित करने का दिया गया  संदेश

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग  के विद्यार्थियों ज्योति नैनवाल, दिव्या नैनवाल, स्वाति तिवारी, रोशनी बिष्ट, शैली मंसूरी आदि द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पोस्टर जारी कर महिलाओं को सशक्त करने, हिंसाएं रोकने, समानता स्थापित करने का संदेश दिया। विभाग के संयोजक प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट एवं विभाग के प्रभारी डॉ ललित जोशी के मार्गनिर्देशन में विभाग द्वारा महिलाओं को सशक्त करने का संदेश दिया।

आज हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी पहचान कायम की है । महिलाओं ने  हर मुकाम पर अपनी काबिलियत का लौहा मनवाया – स्वाति तिवारी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग  के विद्यार्थियों द्वारा अपने -अपने विचार व्यक्त किये गए । जर्नलिज्म की छात्रा स्वाति तिवारी ने कहा  कि आज हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी पहचान कायम की है । महिलाओं ने  हर मुकाम पर अपनी काबिलियत का लौहा मनवाया ।

जब एक नारी शिक्षित होती हैं तभी हमारा समाज आगे बढ़ सकता है- ज्योति

छात्रा  ज्योति नैनवाल ने कहा कि
जब एक नारी शिक्षित होती हैं तभी हमारा समाज आगे बढ़ सकता है । पहले के समय में महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा जाता था उन्हें पढ़ने  लिखने के लिए स्कूल नहीं भेजा जाता था । इसी कारण से दुनियां के कई देश विकास नहीं कर पाए क्योंकि उनकी आधी आबादी अशिक्षित रह गयी  । ज्योति ने कहा कि पहले के मुकाबले अब वक़्त बदल गया है। हमारे देश में अब लड़को को ही शिक्षा का हक नहीं बल्कि लड़कियों को भी शिक्षा का अधिकार है। आज हमारे देश में लड़कियां भी लड़को के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है और हर क्षेत्र मे अपना परचम लहरा रही हैं।

महिलाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक
राजनीतिक उपलब्धियों का उत्सव है- रोशनी बिष्ट

जर्नलिज्म की छात्रा रोशनी बिष्ट ने कहा कि
दुनिया में स्त्रियों के संघर्ष, उनके मानवीय मूल्यों और आदर्शों के प्रति समर्पण को वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। वस्तुतः यह महिलाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों का उत्सव है।

आज भी कई जगहों पर महिलाओं को  लैंगिक असमानता, भेदभाव झेलना पड़ता है-दिव्या नैनवाल

जर्नलिज्म की छात्रा दिव्या नैनवाल ने कहा कि
यह बात सही है कि महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। लेकिन यह भी कटु सत्य है कि आज भी कई जगहों पर उन्हें लैंगिक असमानता, भेदभाव झेलना पड़ता है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले आज भी आते हैं। महिला के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हमारा यह कत्तर्व्य है हम महिलाओं की स्थिति समाज में बेहतर बनाने को लेकर प्रयासरत रहने का संकल्प लें।

घर से बाहर एवं घर से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं  महिलाएं -शैली मंसूरी

जर्नलिज्म की छात्रा शैली मंसूरी ने कहा कि
आज के युग में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। बल्कि देखा जाए तो महिलाएं पुरुषों से दो कदम आगे हैं। महिलाएं न केवल घर से बाहर एवं घर से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं बल्कि साथ ही साथ अपने सपनों को पूरा भी कर रही है।







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