मुजफ्फरनगर कांड के शहीदों के लिए आज उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने गोविंद बल्लभ पंत पार्क अल्मोड़ा में एक श्रद्धांजलि सभा व धरना प्रदर्शन आयोजित किया ।
कही यह बातें-
सभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड लोक वाहिनी के महासचिव पूरन चंद्र तिवारी ने 1994 में हुए नरसंहार को मानव त्रासदी बताया. श्री तिवारी ने बताया कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार( मुलायम सिंह यादव सरकार) ने कैसे दलबल के साथ इस दुखद घटना को अंजाम दिया। वाहिनी के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता जगत रौतेला ने शहीदों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि उत्तराखंड के जननायक और वाहिनी के संस्थापक डा. शमशेर सिंह बिष्ट के नेतृत्व में जिस उत्तराखंड की मांग और निर्माण की कल्पना की गई थी वह बिल्कुल विरुद्ध नजर आती है ,आंदोलनकारियों के सपनों को शर्मसार करके राष्ट्रीय दल उत्तराखंड के लोगों का और संसाधनों का दोहन ही कर रहे हैं, जो इस उत्तराखंड निर्माण के खिलाफ थे आज वही सत्ता सुख भोग रहे हैं. श्री रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड को आज ठेकेदार खंड बना दिया गया है। डीवाईएफआई के युसूफ तिवारी ने महात्मा गांधी की जयंती को याद करते हुए 2 अक्टूबर 1994 के दिन को इतिहास के पन्नों में एक कलंक बताया और न्याय की मांग की। युवा संवाद से कुणाल तिवारी ने गिर्दा की कविता के माध्यम से उत्तराखंड की पीड़ा और सुलगते सवाल उठाएं । अजयमित्र सिंह बिष्ट ने मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने व पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की पुरजोर मांग की। अंत में श्रीमती रेवती बिष्ट ने मुजफ्फरनगर कांड के शहीदों सहित,महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री को नमन और श्रद्धांजलि अर्पित कर अहिंसा के साथ सद् मार्ग में चलने की बात कही।
यह लोग रहे उपस्थित-
सभा में छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा, अनीस उद्दीन , अजय सिंह मेहता, कुंदन सिंह, तरुण सिंह नयाल ,सूरज टम्टा आदि उपस्थित रहे।