उत्तराखंड में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं बहाल पड़ी है, जिससे लोगों को शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां एक मरीज को उपचार में अपनी जान गंवानी पड़ी।
प्रसव पीड़ा होने पर लाए थे अस्पताल-
देवायल निवासी लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि पिछले सोमवार को उनकी पत्नी मंजू देवी (24) को प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी अस्पताल देवालय लेकर आए। लेकिन यहां कोई उपचार नहीं किया गया और उसे रामनगर रेफर कर दिया। 108 एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके बाद वह अपनी पत्नी को प्राइवेट वाहन में रामनगर अस्पताल ले गए। वहां भी पीपीपी मोड में चल रहे सीएचसी से उसे मंगलवार को हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। इस दौरान उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिससे महिला के पेट में पल रहे जुड़वां बच्चे भी अकाल मौत के ग्रास बन गए।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए न्यायिक जांच की मांग-
लक्ष्मण सिंह ने उनकी पत्नी को सही उपचार नहीं मिलने का आरोप लगाया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने ने कहा है कि प्रसव चलते उकी पत्नी की मौत हो गई है।
कोई सुनवाई नहीं होने पर धरने का ऐलान-
जिस पर कोई सुनवाई नहीं होने पर धरना शुरू करने का ऐलान किया है। लक्ष्मण सिंह गांव के कई लोगों के साथ तहसील मुख्यालय पहुंचे थे और जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन सोमवार को तहसील प्रशासन को सौंपा।
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