अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा के विधानसभा द्वाराहाट के चौखुटिया क्षेत्र मे आवारा पशुओं का आतंक बना हुआ है।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
स्थान- रानीखेत/चौखुटिया
पहाड़ों पर बढ़ रहा पलायन
जिससे परेशान ग्रामीण महिलाओ ने आज उपजिलधिकारी से मुलाकात कर आवारा पशुओं की समस्या का समाधान के लिए निवेदन किया। कहा कि पहाड़ो पर पलायन के साथ साथ आवारा पशुओ की परेशानी हर पहाड़ी शहर व कस्बे मे देखने को मिलती है। इसी को देखते हुए सरकार भी इसके समाधान के लिए प्रयासरत है। कई जगह समितियो द्वारा गोशाला खोला गया है। जहां पर आवारा जानवरों की पाला भी जा रहा है। मगर परेशानी तब आती है, जब उन जानवरों का पालन-पोषण के लिए धनराशि की जरूरत पड़ती है। वही स्याल्दे ब्लॉक के दुपसील, सल्ट क्षेत्र मे गोविंद प्रसाद व उनकी समिति द्वारा आवारा पशुओ को पाला जा रहा है। वही सल्ट मे गौशाला चला रहे गोविंद प्रसाद ने बताया कि मैं जब पहाड़ आया था, तो मुझे हर जगह एक ही राग सुनाई देता था कि आवारा गाय है। तो मुझे लगा कि क्यों न आवारा गायों पर हम थोड़ा काम करें और शुरू से ही हमारी एक सोच रही है कि गाय लोग न छोड़े और न छोड़ने के लिए उनको उसकी इकॉनमी चाहिए। क्योंकि सिर्फ दूध पर वो निर्भर नहीं रह सकते। इसके लिए हमारी संस्था ग्रमीणों को गाय के गोबर, मुत्र व दूध से किस प्रकार अपनी आय को बढ़ा सकते है। उसके बारे मे हमारी संस्था लोगो को बताती है।
दी यह जानकारी
गोविंद प्रसाद ने बताया कि पहले इस गौशाला को चलाने के लिए किसी ने हमको जगह दी। वही इसमें हमारे विधायक महेश जीना ने बहुत सहयोग किया। उन्होंने वहा पर रोड भी कटाई और भी अन्य प्रकार का सहयोग किया। हमने लोगो को कहा कि जो गाय नहीं पाल पा रहा वह हमारी गौशाला पर छोड़ जाए। दूसरा मकसद हमारा यह रहा कि अगर किसी व्यक्ति की गाय ग़ाबिन हो जाती है, तो वह व्यक्ति अपनी गाय को ले जाना चाहे तो उसको ले जाये और फिर वापस यहीं छोड़ जाएं, सड़कों पर न छोड़े। अभी हमने लगभग 25 गांव चिन्हित किए हैं। उन गांवों में हम लोगों को बता रहे है कि गाय के गोबर से हम क्या क्या कर सकते हैं, उसके मूत्र से हम क्या क्या कर सकते हैं। इससे कुछ लोग बड़े प्रोत्साही हुए है। उन्हें बताया कि अभी हमारे पास 55 गाए हैं, अभी सरकार का भी ठीक सपोर्ट है हमारे पास। हालांकि अभी अनुदान मिलना शुरू नहीं हुआ, अभी मैं अपनी ही जेब से सब कुछ कर रहा हूं। वही सरकार ने हमे आश्वासन दिया है कि हम आपको अनुदान देंगे। बाकी जो थोड़ा बहुत खर्च है हमारे विधायक महेश जीना जी हमारी पूरी सहायता कर रहे हैं।
बताया यह लक्ष्य
गोविंद प्रसाद ने बताया कि हमारा लगभग 2000 गायों का लक्ष्य है। वही 2000 पशुओं को पालने के बाद ये हालत हो जायेगे कि लोग अपने घरों में ही गायों को पालेंगे, और घरों में ही उनकी आय बन जाए तो वह लोग बाजारों मे अपनी गायों को नही छोडेंगे, बस इतना सा ही हमारी संस्था का मकसद है। उपजिलाधिकारी सुनील कुमार राज ने बताया कि गेवाड़ विकास समिति और हमारे चौखुटिया के आस पास की जो महिलाएं हैं, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से किसी व्यवसाय से जुड़ी हैं। बेसहारा गायों की उनकी समस्या है। उसी सम्बन्ध मे उनसे बातचीत हुई है। इस संबंध में पूर्व में भी जिलाधिकारी महोदय ने निर्देश दिए है कि आपके पास गौशाला के लिए जो भूमि है, उसका चयन कर ले, और जब भूमि चयनित हो जाएगी तो उस पर शीघ्र ही गौशाले का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए यहां के जो जनप्रतिनिधि हैं, उन्होंने भी सहमति दी है।
रहें उपस्थित
इस अवसर पर तहसीलदार तितिक्षा जोशी, गेवाड विकास संघर्ष समिति अध्यक्ष गजेन्द्र सिह नेगी, सचिव जीवन नेगी, गोविंद प्रसाद सहित क्षेत्रीय महिलाए उपस्थित रहे।