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बागेश्वर: विकास कार्यों के नाम पर अवैध खनन का आरोप, नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

निर्माण कार्यो के नाम पर सड़क नदी किनारे निर्माण कार्य के लिए विभागों द्वारा मानकों के अनुसार निर्माण स्थल तक प्रत्येक विंदु पर आर्थिक आंकलन बनाया जाता है। वहीं निर्माण कार्यो में निर्माण सामग्री, किराया ढुलान सहित निर्माण सामग्री के लिए निर्माण विभाग के अभियंता द्वारा कुल लागत का डीपीआर बनाया जाता है। जिसके बाद निविदा जारी की जाती है। परंतु विभागीय और प्रशासनिक मिलीभगत से ठेकेदार राजस्व को चूना लगा रहे हैं।

सरयू घाट के समीप मोटे बोल्डर तोड़ दिए गए हैं

आलम ये है कि नगर क्षेत्र में सरयू घाट के समीप मोटे बोल्डर तोड़ दिए गए हैं। मोटे बोल्डर तोड़ने के बाद नगर के समीप स्थित सरयू और गोमती किनारे नदी का गर्भ नीचे जाने की आशंका बनी है। जिला प्रशासन इस ओर आंख मुदे हैं। एनजीटी के मानकों को भी दरकिनार किया जा रहा है। नगर क्षेत्र में मशीनों द्वारा भी खनन हो रहा है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नही होने से जिला प्रशासन पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं।

खनन मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग

समाजिक कार्यकर्ता दरवान सिंह, वृक्ष प्रेमी किशन सिंह मलड़ा, प्रमोद मेहता, पंकज पांडे आदि ने अवैध खनन मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वही उपजिलाधिकारी हरगिरि ने बताया कि छापेमारी अभियान चलाकर अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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