बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां कपकोट में किसानों की बढ़ती आय में ओक टसर रेशम काफी फायदेमंद होगा।
रेशम का उत्पादन
इसके लिए किसानों में रूचि बढ़ रही है। चार गांवों के दस किसान ओक (बांज) टसर रेशम का उत्पादन करने की तैयारी कर चुके हैं। किसानों के लिए रेशम विभाग ने भीमताल से 40,000 रेशम कीट मंगाए हैं।
कपकोट में रेशम उत्पादन के लिए स्थानीय बांज के साथ मणिपुरी बांज भी उपलब्ध है। खरसू और तिलम की पत्तियों से भी रेशम उत्पादन होगा।
विभाग करेगा मदद
इसके लिए विभाग ने क्षेत्र के फरसाली, चौड़ा, हरकोट, मल्लादेश, मिखिला खलपट्टा, तिमलाबगड़, लाथी, गुलेर, कनौली, सिमगड़ी को रेशम उत्पादन के लिए चुना है। रेशम कीट पालन के लिए किसान को केवल अपना समय देना है। कीट उपलब्ध कराने से लेकर बिक्री तक की जिम्मेदारी विभाग उठाता है। किसान को 40-45 दिन तक कीट का बेहद सावधानी से ख्याल रखना है। इस दौरान कीट जितना सेहतमंद रहेगा, किसान की आय भी उतनी ही अच्छी होगी।