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चंपावत: शाम ढलते ही घरों में कैद हो रहे हैं नघान के ग्रामीण, वन विभाग के कर्मियों ने ग्रामीणों के साथ जंगल में की कांबिंग

चम्पावत:नघान गांव में महिला को मौत की नींद सुलाने वाला बाघ अब भी पकड़ से बाहर है। इस वजह से यहां के ग्रामीणों में दहशत बरकरार है। ग्रामीणों ने बाघ के डर से जंगल जाना छोड़ दिया है। लोग शाम ढलते ही घरों में कैद हो जा रहे हैं।

ग्रामीण शाम ढलते ही घर में कैद होने को मजबूर

जिला मुख्यालय से करीब दस किमी दूर नघान के ग्रामीण शाम ढलते ही घर में कैद होने को मजबूर हैं। बीते 31 जनवरी को बाघ ने नघान की एक महिला को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद से ग्रामीणों में बाघ को लेकर दहशत है। बाघ के डर से ग्रामीणों ने जंगल जाना छोड़ दिया है। इससे लोगों को जानवरों के लिए चारा आदि की व्यवस्था करने में परेशानी हो रही है। बाघ के आतंक से निजात दिलाने के लिए ग्रामीण डीएम विनीत तोमर से भी मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

अब तक कैमरे में बाघ की मौजूदगी दर्ज नहीं हो सकी

इधर वन विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों के साथ जंगल में कांबिंग कर रहे हैं। विभाग ने घटनास्थल पर चार कैमरे भी लगाए हैं। लेकिन अब तक कैमरे में बाघ की मौजूदगी दर्ज नहीं हो सकी है। भिंगराड़ा रेंज के वन बीट अधिकारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि रविवार को घटनास्थल पर पिंजरा लगाने की कार्यवाही की जाएगी।

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