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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 के वेरिएंट के नामकरण के लिए एक नये सिस्टम की घोषणा की है। इसके तहत अब हर देश में मिले कोविड के अलग अलग वैरियंट को नाम दिया जाएगा।
भारत के आपत्ति जताने के बाद लिया गया फैसला
हाल ही में भारत सरकार ने भारत में मिले वैरियंट को इंडियन वायरस कहने पर आपति जताई थी। भारतीय सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई उन सभी पोस्ट को हटाएं जिनमें कोविड-19 के ‘भारतीय वेरिएंट’ की बात की गई है।भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट को ‘भारतीय वेरिएंट’ नहीं कहा है, ऐसे में इसे ‘भारतीय वेरिएंट’ कहना ग़लत है।
जबकि कोरोना वायरस के वेरिएंट को उन स्थानों के नाम से जोड़ कर देखा जाता रहा है जहां वो सबसे पहले पाए गए, जैसे कि ब्रितानी वेरिएंट और ब्राज़ील में मिला ब्राजीलियन वेरिएंट।
अब WHO भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका समेत दूसरे देशों में पाये जाने वाले कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के लिए ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल करेगा।
इसी नियम के तहत
●भारत में मिले B.1.617.1 को कप्पा और B.1.617.2 को डेल्टा कहा जाएगा।
●ब्रिटेन में पाये गए वेरिएंट को अल्फ़ा
● दक्षिण अफ़्रीका में पाये गए वेरिएंट को बीटा नाम दिया गया है।
इसी तरह अन्य देशों में मिले वैरियंट को भी नाम दिया जाएगा।
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