अल्मोड़ा: आजादी के अमृत महोत्सव-2021 के तहत वनस्पति विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में ‘कोविड-19 महामारी के दौरान विभागीय उपलब्धियां एवं सम्मान समारोह‘ आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रूप में प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी (कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा), अध्यक्ष रूप में प्रो0 पी0 एस0 बिष्ट (अधिष्ठाता प्रशासन), विशिष्ट अतिथि रूप में प्रो0 जया उप्रेती (संकायाध्यक्ष, विज्ञान) एवं डॉ0 देवेंद्र सिंह बिष्ट (विश्वविद्यालय विशेष कार्याधिकारी), कार्यक्रम संयोजक डॉ0 बलवंत कुमार (अध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग), कार्यक्रम सहयोगी डॉ0 धनी आर्या, कार्यक्रम संचालक डॉ0 मंजूलता उपाध्याय, डॉ0 मनीष त्रिपाठी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
संयोजक डॉ0 बलवंत कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए कहा कि वनस्पति विज्ञान विभाग ने विगत एक वर्ष में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। विभाग शैक्षिक एवं रचनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी अपनी जिम्मेदारी को निभा रहा है। यहां के विद्यार्थी यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर रहे हैं और विभिन्न संस्थाओं में रिसर्च फैलो के तौर पर चयनित हो रहे हैं। इस विभाग ने जी0 बी0 पंत संस्थान के साथ मिलकर सेमिनार आयोजित किए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड दौर में ऑनलाइन कक्षाएं, कोविड काल में कोविड गाइड लाइन के तहत प्रैक्टिकल आयोजित किये गए, 4 वर्चुअल और 1 ऑफलाइन वेबिनार आयोजित किये गए। उन्होंने कहा कि भविष्य में संसाधन होने पर विभाग के सहयोग से अगले माह क्रिप्टोगेम्स गार्डन विकसित किया जाएगा, विभाग में 100 जिंगो बाईलोबा की कटिंग रोपी गयी हैं। जिनको अगले वर्ष रोपण करने के लिए तैयार किया जा रहा है। विभाग द्वारा नक्षत्र वाटिका विकसित की जा रही है तथा विभिन्न प्रकार के लगभग 100 प्रजातियों के पौध विभाग में विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों एवं विभाग की प्रत्येक गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया।
कुलपति जी के संरक्षण में हम अपनी समस्याओं को समाधान पा सकते हैं
विशिष्ट अतिथि रूप में विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो0 जया उप्रेती ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति जी के संरक्षण में हम अपनी समस्याओं को समाधान पा सकते हैं एवं हम शैक्षिक गतिविधियों को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की।
अतिथि रूप में कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि हम सभी कोविड की भयावह स्थितियों से गुजर रहे हैं लेकिन हमने आशा नहीं छोड़ी है। ऐसी विपरीत समय में समाज के लिए कार्य कर रहे हैं। कोविडकाल में विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग ने सराहनीय कार्य किया है। कोविड के दौर में वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा संचालित वेबिनार आदि के आयोजन हमारे विद्यार्थियों के लिए लाभदायी सिद्ध हुए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी विद्यार्थी अपने शिक्षकों का सम्मान कर जीवन को बेहतर दिशा में ले जा सकते हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के संबंध में कहा कि हम विश्वविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हम इन 75 सालों में अपने असंख्य शहीदों के बलिदान को याद करें। जिन शहीदों को हम नहीं जान पाए हैं, जो रिकार्ड में नहीं आए हैं, उन्हें हम संहेजने का प्रयास करें। हम ऐसी जानकारियों को एकत्रित करें। शिक्षा नीति को लेकर कहा कि हम देशज शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। नवीन शिक्षा नीति इसी को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हम व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन कर युवाओं को रोजगार से जोड़ सकते हैं। भारत को नए विचार दें। वैचारिक चिंतन कर हम अपना योगदान दें। हमें अपनी कार्यशैली में नयापन लाना होगा। हम नया क्या कर सकते हैं? हमें इस पक्ष पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। हम शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण को भी बनाए। उन्होंने वि़द्यार्थियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विद्यार्थी हर दिन नया सीखें, नयापन लाएं और बेहतर प्रदर्शन करें।
विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ धनी आर्या ने कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया। उन्होंने सभी का आभार जताया।
प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया
इस सम्मान समारोह का संचालन शिक्षिका डॉ0 मंजूलता उपाध्याय ने किया।
कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता में अव्वल आए और बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों तनुजा साह,रिया गुप्ता, हितेश पांडे, हिमानी तिवारी,पूजा,हिमानी, दुर्गापाल,मीनाक्षी कनवाल,पूजा जोशी,ममता कनवाल,पूजा मेहता,सुनीता,ज्योति जोशी को अतिथियों ने प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
विभाग की शिक्षिका डॉ मंजुलता उपाध्याय को कुलपति जी ने सम्मानित किया।
यह लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर डॉ0 उमंग सैनी, डॉ0 ललित चंद्र जोशी, डॉ0 मनीष त्रिपाठी, प्रमोद भट्ट, तनुजा साह सहित वनस्पति विज्ञान विभाग के विद्यार्थी, शोधार्थी शामिल हुए।