स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कंट्रोल्ड एरियल डिलीवरी सिस्टम का हवाई प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के 11 पैराट्रूपर्स ने 5000 मीटर की ऊंचाई से ड्रॉप जोन में छलांग लगाई और 500 किलोग्राम तक के पेलोड का पीछा करके एक साथ जमीन पर उतरे।
हवाई प्रदर्शन स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में
आगरा में हवाई वितरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला है। इसके अनुसंधान क्षेत्र में भारी भार, ब्रेक पैराशूट, टो किए गए लक्ष्य, एयरक्राफ्ट अरेस्टर बैरियर और एयरोस्टेट गिराने के लिए सिस्टम का विकास शामिल है। एडीआरडीई ने शनिवार को 500 किलोग्राम क्षमता (सीएडीएस-500) के कंट्रोल्ड एरियल डिलीवरी सिस्टम का हवाई प्रदर्शन किया। यह हवाई प्रदर्शन स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की गतिविधियों का एक हिस्सा है।सीएडीएस-500 का उपयोग रैम एयर पैराशूट (आरएपी) की युद्धाभ्यास क्षमताओं का उपयोग करके पूर्व निर्धारित स्थान पर 500 किलोग्राम तक के पेलोड की सटीक डिलीवरी के लिए किया जाता है।
ऐसे करता है काम
डीआरडीओ के मुताबिक यह अपनी उड़ान के दौरान सभी आवश्यक जानकारी के लिए निर्देशांक, ऊंचाई और शीर्षक सेंसर में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का उपयोग करता है। सीएडीएस अपनी ऑनबोर्ड इलेक्ट्रॉनिक्स इकाई के साथ ऑपरेटिंग नियंत्रण प्रणाली के जरिये निर्धारित लक्ष्य स्थल की ओर वेपॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके अपने उड़ान पथ को स्वतंत्र रूप से संचालित करता है।
प्रदर्शन के दौरान सिस्टम को भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान से पैरा-ड्रॉप करके स्वायत्त मोड में पूर्वनिर्धारित लैंडिंग बिंदु पर ले जाया गया। इसने मालपुरा के ड्रॉप जोन में 5000 मीटर की ऊंचाई से कार्यप्रणाली का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के 11 पैराट्रूपर्स ने हवा में सीएडीएस-500 का पीछा किया और एक साथ नीचे उतरे।