वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक का शिक्षकों, छात्र-छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम निरन्तर प्रगति पर है । विगत वर्ष शिक्षकों, कर्मचारियों द्वारा कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान तथा छात्र-छात्राओं द्वारा अत्यधिक तनाव के बाद भी शिक्षा के लिए की गई कठोर मेहनत के लिए सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया । इसी क्रम में आज बीरशिवा सीनियर सेकेंडरी स्कूल अल्मोड़ा के 310 शिक्षकों, कर्मचारियों तथा मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किए जाने के कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए बिट्टू कर्नाटक ने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्रों का स्वागत, अभिनन्दन किया ।
अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया सम्मानित
पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक द्वारा शिक्षकों, कर्मचारियों को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए तथा मेधावी छात्रों को मेडल,अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कर्नाटक ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना महामारी की विषम परिस्थिति में शिक्षकों ने विद्यार्थियों की शिक्षा के लिये काफी मेहनत की है। और छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो इसे देखते हुए ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य जारी रखा। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षित ही नहीं करते अपितु छात्र-छात्राओं के मन में ईमानदारी,अनुशासन,राष्ट्रभक्ति,सच्चरित्रता,स्वालम्बन आदि के प्रति उत्साह भी भरते हैं। साथ ही एक समाज निर्माता के रूप में समाज के विभिन्न विषयों के अन्तर्गत उनके अधिकार कर्तव्य एवं दायित्वों से सम्बन्धित चेतना जगाकर उनका मार्गदर्शन भी करते हैं। कर्नाटक ने यह भी कहा कि गुरूजन शिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण करने के साथ ही उनमें अच्छे नैतिक मूल्यों और आदर्शो का विकास भी करते हैं । छात्रों को शिक्षित करने मेें शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । विद्यार्थियों को अपने माता-माता की तरह गुरूजनों का सम्मान करना चाहिये तथा अर्जित ज्ञान द्वारा देश हित में अपना योगदान देना चाहिये।
विद्यार्थियों का कर्तव्य मात्र विद्या अध्ययन ही नही है अपितु समाज में जागरूकता लाना भी है
बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि विगत वर्ष छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम या अन्य सम्भव माध्यम से अपनी पढाई जारी रखी और बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर अपना एक विशेष स्थान बनाया है जो अत्यन्त प्रशंसा के योग्य है। जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि विद्यार्थियों का कर्तव्य मात्र विद्या अध्ययन ही नही है अपितु समाज में जागरूकता लाना,स्वयं का शारीरिक विकास,बौद्विक विकास,मानसिक विकास करना व साम्प्रदायिकता एवं मादक पदार्थो से दूर रहना भी है। विद्यार्थियों को व्यायाम, खेलकूद, मनोरंजन के द्वारा अपने शरीर को तंदुरूस्त एवं स्वस्थ बनाना चाहिये। उन्हें आलस्य छोड़कर सब काम नियमपूर्वक करने चाहिये साथ ही अपना कार्य स्वयं करना चाहिये। जिससे छात्र-छात्राओं में स्वालम्बन और आत्मविश्वास की भावना जागृत हो,यही भावनाएं जीवन की पूंजी और उन्नति की सीढ़ी हुआ करती है। बीरशिवा स्कूल की प्रधानाचार्या ने श्री कर्नाटक का स्वागत किया तथा अपने वक्तव्य में कहा कि इस सम्मान समारोह से सभी शिक्षक,कर्मचारी तथा छात्र अति उत्साहित हैं। कर्नाटक द्वारा शिक्षकों,विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये जो सम्मान कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं वे अति सराहनीय पहल है। प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों, विद्यार्थियों को सम्मानित किये जाने से जहां उनका मनोबल बढेगा वहीं शिक्षा के प्रति उनका समर्पित भाव और भी अधिक जागृत होगा। कोरोना काल में कर्नाटक एवं उनकी टीम द्वारा समाज के लिये जो कार्य किये गये हैं वे सराहनीय है,वे निस्वार्थ भाव से समाज के सामने आते हैं तो हर व्यक्ति के अन्दर एक सीख दे जाते हैं। यदि हर व्यक्ति ऐसा हो तो रामराज्य के सपने को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने अपने संवाद द्वारा जहां शिक्षकों का गौरव बढाया है वहीं विद्यार्थियों को जो सीख दी है, छात्र-छात्राओं को उस पर चिन्तन कर अपने जीवन में अपनाते हुये उसी मार्ग में आगे बढना चाहिये जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके और राज्य ही नहीं अपितु देश का गौरव बढ सके। प्रधानाचार्या ने श्री कर्नाटक का शिक्षकों, विद्यार्थियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुये उन्हें शुभकामनाएं एवं धन्यवाद प्रेषित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य रूप मनोज बिष्ट(भय्यू),रोहित शैली, गौरव काण्डपाल,डा.करन कर्नाटक,हेम चन्द्र जोशी,राजेन्द्रसिंह राणा,मीना भट्ट,सीमा रौतेला,आशा मेहता,अंजलि राठौर, रश्मि काण्डपाल,बिट्टू कश्यप,चित्रा खाती, प्रकाश मेहता, धीरज बिष्ट,रोहित बिष्ट,छात्र-छात्राओं के अभिभावक आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन किरन कोरंगा द्वारा किया गया।