March 29, 2024

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कोरोना काल में लोक कलाकारों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करे सरकार- पूर्व दर्ज़ा मंत्री बिट्टू कर्नाटक

आज, पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम.बिट्टू कर्नाटक ने मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित कर उन्हें अवगत कराया कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के रक्षक लोक एवं सांस्कृतिक कलाकार जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा अपनी आजीविका चलाते थे,कोरोना महामारी एवं लाॅकडाउन के कारण पिछले डेढ़ वर्ष से प्रभावित एवं बेरोजगार हैं जिस कारण वे आर्थिक रूप से संकट में हैं व मूलभूत सुविधाओं की समस्या से जूझ रहे हैं । फलस्वरूप वे अपने परिवार का भरण पोषण कर पाने में असमर्थ हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के मुश्किल समय में इन तक कोई सरकारी योजना नहीं पहुंची ,ये किसी योजना के दायरे में नहीं आये ।

लोक संस्कृति पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं

लोक कलाकारों की समस्या पर विचार नहीं होने से लोक संस्कृति पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं । संस्कृति विभाग में सूचीबद्व प्रतिभायें इस समय खुद को बचाने के लिये संघर्ष कर रही हैं ,कलाकारों की दयनीय स्थिति व सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से लोक कलाकार व्यथित हैं ।
   
निःस्वार्थ भाव से कार्य करते हैं

पूर्व दर्ज़ा मंत्री ने कहा कि ये वही कलाकार हैं जो अपनी संस्कृति को बचाने के लिये निःस्वार्थ भाव से इस क्षेत्र में विगत कई वर्षो से उत्तराखण्ड के स्थानीय मेलों,महोत्सवों से लेकर देश-प्रदेश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे है साथ ही ये कलाकार सरकार की नीतियों, योजनाअेां का प्रचार करने के लिये सुदूर गांवों तक नुक्कड नाटक के लिये जाते है, सरकारी मेंलों में जनता को इन योजनायें के बारे में समझाते हैं तथा खोई हुये प्रतिभाओं,लुप्त हो चुकी विधाओं ,पारंपरिक गीत,संगीत ,नृत्य ,पुरखों की संस्कृति को सहेजने -संरक्षित करने का कार्य करते हैं । लोक कलाकार एवं सांस्कृतिक कलाकारों की गम्भीर समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो लोक संस्कृति खतरे में पड़ जायेगी ।

मुख्यमंत्री से यह मांग की

उन्होंने  मुख्यमंत्री से मांग की कि कलाकारों की निम्न समस्याओं पर व्यक्तिगत रूचि लेते हुये तत्काल  शासन स्तर से उचित आदेश निर्गत करवाकर   लोक संस्कृति को बचाने एवं संरक्षित किये जाने में अपना अहम योगदान देने का कष्ट करें-

समस्यायें/सुझाव-

1- जो संस्कृति विभाग में सूचीबद्व हैं ,सन् 1860 से जिनका पंजीकरण हैं अथवा नहीं  सभी लोक कलाकारों /सांस्कृतिक कलाकारों को रू. 5000/-प्रतिमाह का मानदेय अथवा पेंशन स्वीकृत किये जाने हेतु ठोस कार्य योजना तैयार कर तत्काल इसे लागू किया जाय ।   

2-प्रदेश में कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी कलाकारों  (रंग-मंच अभिनय, नृतक, वादक,  गायक,कवि,लेखक,चित्रकार,गीतकार,संगीकार आदि को एक अभियान चलाकर संस्कृति विभाग में सूचीबद्व कराया जाय । प्रदेश में कला क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी कलाकार वर्तमान में संस्कृति विभाग में सूचीबद्व नहीं हैं ।

3- लोक कलाकारों /सांस्कृतिक कलाकारों के दलों को स्थानीय कार्यक्रम में एक दिन का सम्मानजनक दैनिक भत्ता दिया जाय ।

4-संस्कृति विभाग कलाकार कल्याण कोष से इन कलाकारों की आर्थिक स्थिति खराब होने पर तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करें ।

5-कलाकारों का पहचान पत्र पूर्व की भांति बनाया जाय ।

6- लोक कलाकारों /सांस्कृतिक कलाकारों जो संस्कृति विभाग में सूचीबद्व हैं अथवा नहीं सभी का बीमा करवाया जाय ।

7-वर्तमान में लोक कलाकार कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं अतः इन्हें जी.एस.टी.मुक्त किया जाय ।