आषाढ़ की गुप्त नवरात्री आज यानी 11 जुलाई से आरम्भ हो रही है । साल में 4 बार नवरात्री आती है ।
इनमें से चैत्र और अश्विन के नवरात्र प्रकट नवरात्र माने जाते हैं। जबकि माघ और आषाढ़ में आने वाली नवरात्र गुप्त नवरात्री मानी जाती है । ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्र का पूजन ज्यादातर तंत्र साधक और सन्यासी करते हैं । गुप्त नवरात्र में माँ दुर्गा की महाविद्याओं का पूजन किया जाता है ।
नवरात्र की तिथियां 8 दिन तक ही रहेंगी
हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रों की शुरूआत 11 जुलाई, यानी आज रविवार से हो रही है। इस वर्ष तिथि गणना के हिसाब से नवरात्र की तिथिया आठ दिन तक ही रहेगी। नवरात्र की समाप्ति 18 जुलाई को नवमी की तिथि पर होगी। नवरात्री की प्रथमा तिथि 10 जुलाई को प्रातः काल 06.46 से शुरू होकर 11 जुलाई प्रातः 07.47 बजे तक रहेगी। परंतु सूर्योदय 11 जुलाई को पड़ने के कारण घट स्थापना 11 जुलाई को की जाएगी। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05.31 से 07.47 बजे तक ही रहेगा। इस काल में विधि-विधान से घट स्थापना करना सर्वाधिक शुभ रहेगा।
ऐसे करे पूजन
ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान आधी रात को मां दुर्गा की पूजा की जाती है मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करें। इसके बाद मां दुर्गा के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित करें। मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है। सरसों के या घी के दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए ।
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