हल्द्वानी से जुड़ी खबर सामने आई है। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के आम चुनावों की मांग जोर पकड़ते जा रही है।
दिए जांच के आदेश
जिसके बाद हुकम सिंह कुंवर संरक्षक पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के पत्र पर आज नगर मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई ने उप निबंधक फर्म एंड सोसाइटी को जांच व आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं। नगर मजिस्ट्रेट ने उप निबंधक को बिंदुवार जांच करने के आदेश दिए है। इससे पूर्व उपजिलाधिकारी परितोष वर्मा ने भी जांच के आदेश दिए थे। तहसीलदार हल्द्वानी इसकी जांच कर रहे हैं।
वर्तमान कार्यकारणी के चुनावों पर भी उठाए सवाल

पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के चुनाव विधिवत कराने की मांग के साथ साथ वर्तमान कार्यकारणी के चुनावों पर भी सवाल उठाए गए हैं। सदस्यों की सूची प्रकाशित किए बिना प्रबंध कार्यकारणी के चुनाव अपने मन से करने,जब चाहें जिसको चाहें रख लेना व हटा देना आम बात है। मंच के आर्थिक श्रोतों की निगरानी,आम चुनाव कराने की मांग शामिल हैं। जांच पूरी होने तक प्रशासन अपना नियंत्रण रखे।
पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के लिए हुकम सिंह कुंवर का बड़ा योगदान
कहा कि लंबे समय से पर्वतीय समाज पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में आम चुनाव की मांग करता रहा है। मंच से लंबे समय से जुड़े पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट पृथ्वी पाल सिंह रावत ने कहा है कि आम चुनाव ही एक विकल्प है। मंच को एक गिरोह की तरह नहीं चलाया जा सकता है। मंच की भूमि के लिए जेल गए प्रकाश बोरा, दीवान सिंह मटियाली,कार्यकारणी सदस्य कमल जोशी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉक्टर बालम सिंह बिष्ट, जगमोहन चिलवाल,केदार पलड़िया,मयंक भट्ट,विजय बिष्ट, पंकज सुयाल,रमेश जोशी,हर्ष जलाल, मनोज खुल्बे ,उमेश बेलवाल,योगेश कांडपाल,आदि ने भी पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच को संचालित करने के लिए आम राय बनाने की वकालत की है। कहा है हुकम सिंह कुंवर का पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के लिए बड़ा योगदान रहा है। वह मंच की भूमि के लिए 1982 में जेल भी गए थे।
पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच को आम पहाड़ी समाज को सौंपना उद्देश्य
कुंवर ने कहा मेरी लड़ाई मंच से नही है। लड़ाई मंच को चलाने वाले कुछ स्वयंभू से है। मेरा उद्देश्य पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच को आम पहाड़ी समाज को सौंपना भर है।