April 18, 2024

Khabribox

Aawaj Aap Ki

कोविड-19 के दौर में मानव तस्करी, ऑनलाइन शिकार, आपराधिक इरादें के मामलों में बढ़ोतरी – यूएन रिपोर्ट


संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध निरोधक कार्यालय (UNODC) ने गुरूवार को एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें मानव तस्करी के पीड़ितों और उससे बच सके लोगों पर कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभावों का ख़ाका पेश किया गया है । रिपोर्ट में महामारी के दौर में बच्चों को निशाना बनाने और उनका शोषण किये जाने के मामलों में बढ़ोत्तरी की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया गया है ।रिपोर्ट में एक क़दम आगे बढ़कर ये आकलन भी पेश किया गया है कि अग्रिम मोर्चों पर काम करने वाले संगठनों ने किस तरह चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिये त्वरित कार्रवाइयाँ कीं और राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर लागू तालाबन्दियों और पाबन्दियों के बावजूद, किस तरह ज़रूरी सेवाएँ जारी रखीं ।

ऑनलाइन शिकार, आपराधिक इरादें

इस बीच, मानव तस्करों ने वैश्विक संकट का फ़ायदा अपने आपराधिक इरादों के लिये उठाया ।उन्होंने लोगों की आमदनियाँ ख़त्म हो जाने और वयस्क व बच्चों द्वारा ऑनलाइन सामग्री देखने पर ज़्यादा समय बिताने के हालात का भी शोषण किया ।
संगठन की कार्यकारी निदेशिका ग़ादा वॉली ने कहा, स्वास्थ्य महामारी ने इनसानों की तस्करी के लिए कमज़ोर परिस्थितियाँ और बढ़ा दी हैं और तस्करी का पता लगाना और भी मुश्किल बना दिया है, जिससे मानव तस्करी के पीड़ितों को समय पर सहायता पाने और न्याय हासिल करने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है । उन्होंने कहा, “ये अध्ययन रिपोर्ट नीति निर्माताओं और आपराधिक न्याय के लिये काम करने वालों के लिये एक नया महत्वपूर्ण संसाधन है ।
इसमें महामारी संकट के दौर में, मानव तस्करों की जाँच करने और उन्हें क़ानूनी एजेंसियों के शिकंजे तक पहुँचाने की कामयाब रणनीतियों की पड़ताल की गई है । रिपोर्ट में दिखाया गया है कि कोरोनावायरस के फैलाव पर नियंत्रण करने के लिये जो उपाय लागू किये गए, उनके कारण, कमज़ोर हालात में रहने वाले लोगों की तस्करी का जोखिम बढ़ गया, पीड़ितों के और ज़्यादा शोषण के हालात बन गए और इस अपराध से बचने वाले लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं तक पहुँच सीमित हो गई।
संगठन के मानव तस्करी और प्रवासी तस्करी विभाग के प्रमुख इलायस चैटज़िस का कहना है, “मानव तस्कर, लोगों की कमज़ोर परिस्थितियों का लाभ उठाते हैं और अपने शिकार या पीड़ितों को रोज़गार के झूठे वादे करके अपने जाल में फँसाते हैं ।

रोज़गार व आमदनी 

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य महामारी के कारण अनेक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोज़गार और आमदनियाँ ख़त्म हुए हैं और ऐसे में आपराधिक तत्वों और गुटों के लिये, घबराहट के शिकार लोगों के हालात का फ़ायदा उठाने के लिये आसान हालात बनते हैं ।
इस अध्ययन रिपोर्ट में पाया गया है कि मानव तस्कर ऐसे बच्चों को ज़्यादा निशाना बना रहे हैं जो सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन मंचों पर ज़्यादा समय बिताते हैं । ऐसे हालात में मानव तस्कर नए पीड़ितों को अपने जाल में फँसाते हैं और बाल यौन शोषण सामग्री की बढ़ती माँग पूरी करके मुनाफ़ा कमाते हैं ।
इलायस चैटज़िस का कहना है, “इस अध्ययन रिपोर्ट के लिये योगदान करने वाले विशेषज्ञों ने बाल तस्करी में बढ़ोत्तरी के बारे में अपनी चिन्ता ज़ाहिर की है । यौन शोषण, जबरन विवाह, जबरन भीख मंगवाने के लिये और जबरन आपराधिक गतिविधियाँ करने के लिये बच्चों की तस्करr की जा रही है ।

कोई बचाव नहीं

देशों में लागू तालाबन्दियों और अन्य पाबन्दियों के बीच तस्करी निरोधक सेवाओं की सीमित सक्रियता व उपलब्धता के कारण, मानव तस्करी के पीड़ितों का, तस्करों के चंगुल से बच पाना बहुत मुश्किल साबित हुआ है । देशों की समाएँ बन्द होने के कारण, मानव तस्करी के शिकार बहुत से लोगों को उनके चंगुल से छुड़ाने के बाद भी महीनों तक ऐसे शरणस्थलों में रहना पड़ा जहाँ उन्हें घर लौटाने के बजाय, उनका शोषण हुआ ।मानव तस्करी के शिकार हुए लोग या पीड़ित अपनी मदद और सुरक्षा के लिये जिन आवश्यक सेवाओं पर निर्भर करते हैं, वो या तो कम हो गईं या बिल्कुल सक्रिय ही नहीं रहीं ।

अपराध जीवी

इलायस चैटज़िस का कहना है कि अपराध जीवी तत्वों और तस्करों ने संकट के दौर में बहुत तेज़ी से अपनी कार्यशैली में बदलाव कर लिया ।तस्करी के शिकार लोगों का शोषण होने की सम्भावना वाले – मदिरालय, क्लब, मालिश पार्लर जैसे स्थानों के बन्द हो जाने पर, तस्करों ने अपना अवैध कारोबार बड़ी आसानी से निजी सम्पत्तियों से और ऑनलाइन चलाना शुरू कर दिया ।कुछ देशों में, मानव तस्करी का मुक़ाबला करने के लिये विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को, उनकी नियमित ड्यूटी से हटाकर, कोविड-19 के फैलाव को रोकने के राष्ट्रीय प्रयासों में तैनात किया गया । इससे, मानव तस्करों को, पकड़े जाने के कम डर के बीच, काम करने का एक आसान अवसर मिल गया ।इलायस चैटज़िस ने कहा कि महामारी ने हमें ये सबक़ सिखा दिया है कि किसी संकट के दौरान राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तरों पर, मानव तस्करी का मुक़ाबला जारी रखने के लिये रणनीतियाँ बनाते रहने की ज़रूरत है ।