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एसएसजे विश्वविद्यालय के बागेश्वर परिसर में सांसद अजय टम्टा और कुलपति प्रो.नरेंद्र सिंह भंडारी ने विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल की ऐतिहासिक शुरुआत, इस अवसर पर कुलपति जी के ‘पहाड़ अपने मुलूक अपने गांव’ उपन्यास का हुआ विमोचन

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बागेश्वर (परिसर) में  विश्वविद्यालय के ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा पोर्टल, ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल, ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल का शुभारंभ अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के माननीय सांसद अजय टम्टा, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बसंती देव, पूर्व विधायक,कपकोट के श्री शेर सिंह गाड़िया, जिलाध्यक्ष श्रीमती बसंती देव, विश्वविद्यालय के विशेष कार्याधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट, प्राचार्य डॉ. अंजू अग्रवाल, डॉ नवीन भट्ट (विभागाध्यक्ष,योग) आदि ने उद्घाटन किया।
इस अवसर पर  कुलपति प्रो.नरेंद्र सिंह भंडारी के द्वारा पहाड़ के संघर्ष, विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों, पहाड़ की विवशताओं, रोजगार, पलायन का दंश, बेरोजगारी, निर्धनता, समाज, संस्कृति, इतिहास और सैन्य पृष्ठभूमि आदि पर केंद्रित उपन्यास ‘पहाड़ अपने मुलूक अपने गांव’ का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।

शिक्षा जगत में अपना इतिहास रच रहा है

लोकार्पण कार्यक्रम में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बागेश्वर की प्राचार्य प्रो. अंजू अग्रवाल ने ऑनलाइन पोर्टल के उद्घाटन के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बागेश्वर के स्थापना, शैक्षिक स्थिति के संबंध में विस्तार से अतिथियों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 1974 में इस महाविद्यालय की स्थापना हुई है। तबसे यह निरंतर शिक्षा जगत में अपना इतिहास रच रहा है। एक महाविद्यालय से एक परिसर बनने तक,इस महाविद्यालय ने काफी तरक्की की है। उन्होंने समस्त अतिथियों का स्वागत किया।

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के सृजन से पर्वतीय विकास की संकल्पना साकार होगी

इस अवसर पर अतिथि रूप में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र के माननीय सांसद अजय टम्टा ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के सृजन से पर्वतीय विकास की संकल्पना साकार होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए इस तरह की छोटी छोटी शैक्षिक इकाइयां बेहतर हैं। इनसे गुणवत्ता भी बनी रहेगी और इनका सही तरीके से प्रबंधन भी हो सकेगा।  पूर्व में यह स्नातकोत्तर महाविद्यालय,  कुमाऊं विश्वविद्यालय का अंग था, लेकिन सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के सृजन होने से यह सोबन सिंह जीना का अंग बन चुका है। इसके लिए उन्होंने जनमानस को बधाइयाँ दी। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक बागेश्वर जिले में यह नया परिसर भविष्य में बहुत ऊंचाईयां छुएगा। उन्होंने कहा कि यहां के समाजसेवियों की सोच को आज नई दिशा मिल रही है। साथ ही उन्होंने शिक्षा के विकास में कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के  विकास के लिए हम इस विश्वविद्यालय के बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ के परिसरों की समस्याओं को केंद्रीय स्तर पर ले जाएंगे और इनके निदान के लिए प्रयास करेंगे। सांसद जी ने कहा कि मैं हर स्तर पर इस परिसर के संरचनात्मक एवं मूलभूत आवश्यकताओं और व्यवस्थाओं की बेहतरी के लिए प्रयास करुंगा और सदैव आपके साथ रहूंगा।

विकास के लिए हम तीव्रता के साथ कार्य कर रहे हैं

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा के माननीय कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बागेश्वर अब सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का परिसर बन गया है।  इसके विकास के लिए हम तीव्रता के साथ कार्य कर रहे हैं।  यहां की परिसंपत्तियों, जनसंसाधनों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया पर अभी कार्य चल रहा है।  उन्होंने कहा कि हम इस परिसर को शिक्षा का हब बनाना चाहते हैं और इसको विकसित कर एक बेहतर माहौल स्थापित  करेंगे। जिससे यहां के युवाओं को रोजगार की प्राप्ति हो।  उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के माहौल और इस विश्वविद्यालय को बेहतर बनाने के लिए हम अपना क्या योगदान दे  सकते हैं,इस पर हमें चिंतन करना होगा। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षेत्र है और यहां से विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत  होना, अपने आप में एक इतिहास है। यह एक अच्छी शुरुआतों में से एक है। उन्होंने भावी योजनाओं पर प्रकाश डालकर शिक्षकों और छात्रों को आस्वस्त करते हुए कहा कि यहां भविष्य में रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को संचालित कर युवाओं को रोजगार हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। युवाओं को खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। योग और पत्रकारिता एवं जनसंचार जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा और युवाओं को दिशा दी जाएगी।
उन्होंने अपने द्वारा लिखे हुए उपन्यास के संदर्भ में कहा कि मैंने बचपन से लेकर आज तक पहाड़ को करीब से जैसा देखा-सुना,  अनुभव किया है,उसको उपन्यास के माध्यम से आपके समक्ष रखा है। सीमांत जनपदों की विपरीत परिस्थितियों को हम इस उपन्यास के माध्यम से जान सकते हैं। हम अपनी जड़ों से क़भी विमुख न हों ।
योग विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने उपन्यास की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह उपन्यास अपने मुलूक का चित्र प्रस्तुत करती है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेश कुमार आर्या ने किया।

इस अवसर पर यह लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर  डॉ. एस. एस. धपोला,डॉ  मनोज कुमार, डॉ.दीपा कुमारी, डॉ. नेहा भाकुनी, डॉ.महेश विश्ववकर्मा, डॉ. लक्ष्मण सिंह , डॉ. संजय टम्टा, डॉ. भगवती नेगी, डॉ. हेमलता,  श्री लियाकत अली (विश्वविद्यालय क्रीड़ा प्रभारी) डॉ.ललित चंद्र जोशी (विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी) आदि सहित पी जी कॉलेज बागेश्वर के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं और विभिन्न संगठनों के छात्रसंघ पदाधिकारी  शामिल हुए।

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