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21 जुलाई: कोरोना के चलते देश भर में सादगी के साथ मनाया जाएगा ईद उल अजहा, जाने इसका महत्व

आज 21 जुलाई है। आज ईद उल अजहा यानी बकरीद है।कोरोना महामारी के चलते कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) आज सादगी के साथ मनाया जाएगा। ईद-उज़-ज़ुहा प्रेम, त्‍याग, बलिदान की भावना के प्रति आदर व्‍यक्‍त करने और समावेशी समाज में एकता और भाईचारे के लिए मिलकर कार्य करने का त्‍योहार है। इस त्योहार का काफी महत्व है।

जाने इस दिन को मनाने की मान्यता-

ऐसा माना जाता है कि पैगंबर इब्राहिम ने अपने सपने में अल्लाह को अपने बेटे इस्माइल को बलिदान करने के लिए कहा था। उनकी आस्था और भक्ति से खुश होकर, अल्लाह ने जिब्राईल या गेब्रियल को एक बकरी के साथ भेजा और उन्हें अपने बेटे को बकरी से बदलने के लिए कहा। उस दिन को चिह्नित करने के लिए दुनिया भर में बकरीद मनाई जाती है। यह त्योहार पैगंबर इब्राहिम या अब्राहम को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग बकरे की बलि देते हैं और उसका मांस रिश्तेदारों, दोस्तों और जरूरतमंदों में बांटते हैं। दुनिया भर के मुसलमान त्योहार मनाने के लिए मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा होते हैं।

12वें महीने जिल हिज्जा में चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है बकरीद-

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने जिल हिज्जा में चांद दिखने के 10वें दिन बकरीद मनाई जाती है। इस त्योहार का उत्सव तीन दिनों तक चलता है। अन्य प्रमुख त्योहार ईद-उल-फितर है, जो शव्वाल महीने के पहले दिन मनाया जाता है, ये रमजान के पवित्र महीने के बाद आता है। दुनिया भर के मुसलमान ईद के दिन नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआ करते हैं। ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह छह से 10.30 बजे तक सभी ईदगाहों व मस्जिदों में पंरपरागत तरीके से अदा की जाएगी।

कोरोना नियमों का पालन अनिवार्य-

कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत मस्जिदों में एक साथ पचास-पचास लोग ही नमाज अदा कर सकेंगे। सभी लोगों को कोविड नियमों का पालन करना बेहद अनिवार्य है।

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