Site icon Khabribox

जानिये कहाँ स्थित है नर्क का द्वार और क्या है इसका रहस्य

स्वर्ग और नर्क की कल्पना की सच्चाई का रहस्य मनुष्य शायद अपने जीते जी नहीं जान सकता। इसके बारे में तर्क देते हुए आस्था और विज्ञान हमेशा आपस में टकराते रहते हैं। असलियत चाहे जो भी हो लेकिन शरीर के मरने के बाद आत्मा स्वर्ग में जाती है या नर्क में, इसके बारे में कोई जीवित व्यक्ति नहीं जान सकता। हालांकि मान्यता यह है कि जो इंसान अच्छे काम करता है उसे स्वर्ग के सुख प्राप्त होते हैं और बुरे काम करने वाले को नर्क में कष्ट झेलना पड़ता है।

यहाँ स्थित है नर्क का द्वार

तुर्की में एक ऐसा ही स्थान ही स्थान है जिसे नरक का द्वार कहा जाता है। हम बात कर रहे हैं तुर्की के प्राचीन शहर हेरापोलिस के बारे में, जहाँ एक बहुत ही पुराना मंदिर स्थित है, जिसे नर्क का द्वार माना जाता है। मान्यता इतनी सशक्त है कि लोग इस मंदिर आसपास भी जाने से घबराते हैं। ऐसी धारणा है कि मंदिर के संपर्क में आते ही इंसान हो या पशु-पक्षी, सभी तक मर जाते हैं और इसके पास या अंदर जाने वाला कभी वापस लौटकर नहीं आ पाता। इस रहस्यमयी जगह के बारे में लोगों का मानना था कि यूनानी देवता की जहरीली सांसों की वजह से यहां आने वालों की मौत हो रही है। और लगातार ऐसी घटनाओं को देखते हुए लोग मंदिर को ‘नर्क का द्वार’ कहने लगे।

यह है नर्क के द्वार की सच्चाई

एक मान्यता के अनुसार रोमन काल में भी लोग मौत के डर से यहां जाने से डरते थे। लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने शोध करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि मंदिर के नीचे से लगातार जहरीली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस रिसकर बाहर निकल रही है, जिसके संपर्क में आते ही इंसानों और पशु-पक्षियों की मौत हो जाती है। शोध में पता लगा कि मंदिर के नीचे बनी गुफा में बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस मौजूद है। तथ्यों के अनुसार मात्र 10 फीसदी कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस 30 मिनट के अंदर किसी भी प्राणी की मौत का कारण बन सकती है। शोध के अनुसार मंदिर की गुफा में कार्बन डाई ऑक्साइड जैसे जहरीली गैस की मात्रा 91 फीसदी है और ये जगह पूरी तरह से वाष्प से भरी होने के कारण काफी धुंधली है, जिसकी वजह से यहां जमीन भी मुश्किल से ही दिखाई पड़ती है।

Exit mobile version