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उत्तराखंड: बोर्ड की बड़ी लापरवाही, छात्रा को 77 की जगह दिए 28 अंक

प्रदेश में आए दिन शिक्षा से जुड़े भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में अब उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर की ओर से इस वर्ष आयोजित बोर्ड की 10वीं परीक्षा में भी गंभीर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है।

बोर्ड की बड़ी लापरवाही, छात्रा को 77 की जगह दिए 28 अंक

नेहा ममगाईं नाम की छात्रा की मार्कशीट में परिषद ने विज्ञान विषय में 77 की जगह 28 अंक देकर बड़ी लापरवाही का उदाहरण पेश किया है। देहरादून की रहने वाली छात्रा के अभिभावकों ने उसके विज्ञान विषय में 80 नंबर आने का दावा करते हुए उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं किए जाने की दशा में अभिभावकों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चुनौती दी है। हालांकि यह मामला प्रकाश में आने के बाद बोर्ड ने तत्काल अंक पत्र में सुधार कर छात्रा को संशोधित मार्कशीट जारी कर दी हैl लेकिन इसके बोर्ड की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं।

अभिभावकों ने छात्र को मेरिट में स्थान दिए जाने की मांग उठाई

नेहा ने राजकीय कन्या इंटर कालेज बुल्लावाला देहरादून से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है। मेरिट में अंतिम यानी 25वें पायदान पर जो छात्र-छात्राएं हैं, उनके 469 अंक हैं। वहीं नेहा के 470 अंक हैं। इस हिसाब से नेहा का नाम भी मेरिट लिस्ट में होना चाहिए था। अब अभिभावकों ने मांग की है कि उनकी बेटी को मेरिट में स्थान दिया जाना चाहिए।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया

माध्यिमक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि जिस शिक्षा अधिकारी के स्तर पर यह गड़बड़ी हुई है, उस पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। और छात्रा की ओर से उत्तर पुस्तिका का पुनः मूल्यांकन का पत्र प्राप्त होते ही वो इसके संदर्भ में कार्यवाही शुरू करेंगे। इसके अलावा राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने बताया कि यह बोर्ड की बड़ी लापरवाही है, इसलिए छात्रा के अभिभावकों की मांग को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

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