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जलवायु संकट का सर्वाधिक प्रभाव गरीब देशों और वंचित समुदायों पर पड़ रहा है जिनका जलवायु संकट में बिल्‍कुल भी योगदान नहीं – केन्‍द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्‍द्र यादव

केन्‍द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्‍द्र यादव ने कहा है कि वैश्विक कार्बन उत्‍सर्जन में परम्‍परागत रूप से भारत की कोई भागीदारी नहीं है, फिर भी वह इस समस्‍या के समाधान में भागीदारी चाहता है।  पर्यावरण मंत्री यादव इंडोनेशिया के शहर बाली में पर्यावरण और जलवायु पर जी-20 की मंत्रिस्‍तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र को सम्‍बोधित कर रहे थे।

जलवायु संकट का सर्वाधिक प्रभाव गरीब देशों और वंचित समुदायों पर पड़ रहा है

उन्होंने कहा कि जलवायु संकट का सर्वाधिक प्रभाव गरीब देशों और वंचित समुदायों पर पड़ रहा है जिनका जलवायु संकट में बिल्‍कुल भी योगदान नहीं है। उन्‍होंने कहा कि जलवायु वित्‍त पोषण अभी तक सपना बना हुआ है और विकास वित्‍त को जलवायु वित्‍त के साथ जोडना एक और समस्‍या है।

70 प्रतिशत सार्वजनिक वित्‍त अनुदान की बजाय ऋण के रूप में दिया गया

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि 2019 में जलवायु संकट से निपटने के लिए 70 प्रतिशत सार्वजनिक वित्‍त अनुदान की बजाय ऋण के रूप में दिया गया। 2019-20 में इस कार्य के लिए केवल छह प्रतिशत का अनुदान दिया गया जिससे विकासशील देशों का कर्ज बढ़ रहा है।  उन्होने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत बनाने के लिए संसाधन जुटाने की तत्‍काल जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि विकसित देश जलवायु संकट के लिए उस मात्रा में वित्‍त उपलब्‍ध नहीं करा रहे हैं जितनी उनसे आशा की जाती है ।

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