दशहरे के उपलक्ष्य में जहां नगर की अधिकांश रामलीलाओं का समापन हो गया वहीं श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा में दशम दिवस में भी रामलीला का मंचन जारी रहा । सर्वप्रथम दशम दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि दीपक पोखरिया प्रतिष्ठित व्यवसाय व समाजसेवी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया ।
कर्नाटक खोला की रामलीला का मंचन उत्कृष्ण श्रेणी का है
पदाधिकारियों/वरिष्ठजनों द्वारा मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र भेंट कर प्रतीक चिन्ह प्रदान करते हुये उनका स्वागत कर रामलीला का शुभारम्भ किया गया । मुख्य अतिथि ने कहा कि कर्नाटक खोला की रामलीला का मंचन उत्कृष्ण श्रेणी का है जिसे देखने वे प्रत्येक वर्ष इस मंच पर उपस्थित होते हैं । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार महिलाओं/बालिकाओं को आगे बढाने,रामलीला मंचन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये समिति के संरक्षक बिट्टू कर्नाटक एवं समस्त पदाधिकारियों द्वारा जो निरन्तर प्रयास किया जा रहा है वह पूरे उत्तराखण्ड में अति सराहनीय है ।
दर्शकों द्वारा नवीन प्रसंगों का देर रात तक आनन्द लिया गया
दशम दिवस की लीला में समिति द्वारा अनेक प्रसंगों का मंचन किया गया जिसमें रावण-अहिरावण तथा हनुमान-मकरध्वज संवाद ,अहिरावण व रावण वध के अतिरिक्त कुछ नये संवादों एवं प्रसंगों का मंचन किया गया । नवीन प्रसंगों में असुरकुल के अनेक योद्वाओं एवं रामादल के मध्य युद्व की लीला का मंचन किया गया । असुरकुल में मकराक्ष,दुर्मख,देवांतक,नरान्तक,प्रहस्त,अकम्पन और अतिकाय आदि द्वारा रामादल पर संयुक्त आक्रमण किया गया । इस युद्व में रामादल ने असुरकुल के समस्त राक्षसों का संहार किया । दर्शकों द्वारा नवीन प्रसंगों का देर रात तक आनन्द लिया और समिति की इस नयी पहल की सराहना की ।
अभिनय से दर्शकों की खूब वाही-वाही लूटी
राम की भूमिका में दिव्या पाटनी,लक्ष्मण-किरन कोरंगा,रावण-पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक,मन्दोदरी-गरिमा तिवारी,अहिरावण-अखिलेशसिंह थापा,हनुमान-अनिल रावत,मकरध्वज-मेघना पाण्डे,विभीषण-राहुल जोशी,अंगद-दिव्यम जोशी,सुग्रीव-दक्ष कर्नाटक आदि ने अपने मन मोहक अभिनय से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया । नवीन प्रसंगों में असुरकुल के मकराक्ष-कंचन पाण्डे,दुर्मख-आशा मेहता,देवांतक-कविता पाण्डे,नरान्तक-हिमांशी अधिकारी,प्रहस्त-सीमा रौतेला, अतिकाय-सुनीता बगडवाल,अकम्पन-रेखा जोशी आदि ने अपने अभिनय से दर्शकों की खूब वाही-वाही लूटी ।
दशम दिवस की लीला
दशम दिवस की लीला में रावण-अहिरावण संवाद,पाताल लोक प्रसंग ,राम-रावण युद्व और रावण द्वारा लक्ष्मण को दिया गया ज्ञान आकर्षण का केन्द्र रहे । कार्यक्रम का सफल संचालन गितांजलि पाण्डे द्वारा किया गया ।