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बागेश्वर: मानसून से पूर्व तैयारियों की बैठक लेते हुए अपर जिलाधिकारी ने अपने-अपने संसाधनों को चुस्त-दुरस्त रखने के विभिन्न विभागों को दिए निर्देश

मानसून से पूर्व की तैयारियों की बैठक लेते हुए अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दियें कि वे अपने-अपने संसाधनों को चुस्त-दुरस्त रखें। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए सभी विभाग अपनी कार्य योजना तुरंत जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा तहसील, थानों, स्तर पर उपलब्ध आपदा उपकरणों की जांच कर लें तथा उनके संचालित करने हेतु यथाशीघ्र कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी देना सुनिश्चित करें।अपर जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून से पूर्व आपदा संभावित व दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्यान्न भण्डारण करने के साथ ही दवायें, गैस, डीजल व पेट्रोल भण्डारण करने के भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दियें। उन्होंने कहा वर्षाकाल में सड़क, विद्युत, पेयजल वाधित होने पर रिस्पोंस टाइम कम से कम लगें ताकि यात्रियों व जनता का आनाश्वयक परेशानियों का सामना न करना पड़ें।

दुर्घटना संभावित स्थलों में क्रेश बैरियर लगाने के भी निर्देश दियें

उन्होंने सडक महकमे के अधिकारियों को निर्देश दियें कि वे मानसून काल में बंद होने वाली सडक मार्गो को चिन्हित करें व उन्हें खोलकर यातायात सूचारू करने हेतु जेसीबी के टेण्डर आदि अभी से कर लें तथा उनकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम को भी देना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा संभावित क्षेत्रों के सड़क मार्ग बंद होने पर यातायात सुचारू करने रखने हेतु वैकल्पिक सडक मार्गो व पैदल मार्गो का भी चिन्हीकरण किया जाए साथ ही दुर्घटना संभावित स्थलों में क्रेश बैरियर लगाने के भी निर्देश दियें। विद्युत व पेयजल सुचारू रखने हेतु संबंधित विभाग आपदा संभावित क्षेत्रों में पाइप, विद्युत पोल, टांसफार्मर व अन्य उपयोगी सामाग्री का भण्डारण भी करना सुनिश्चित करें, ताकि आपदा के दौरान मूलभूत सुविधाओं को सुचारू किया जा सकें। उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत कलमठों, नालियों को खोले जाने तथा जल निकासी की समुचित व्यवस्था अभी से कर लें।

24×7 की तर्ज पर बाढ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने व ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा होने की सूचना समय पर देने के निर्देश

उन्होंने 24×7 की तर्ज  पर बाढ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने व ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा होने की सूचना समय पर देने के निर्देश सिंचाई विभाग कपकोट को दियें, ताकि नदी के बढ़ते जलस्तर के बढ़ने से पूर्व नदी किनारे प्रवास कर रही आबादी को समय रहते चेतवानी जारी कर हटाया जा सकें। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में वायरलैस सैट, सेटेलाइट फोन की उपलब्ध रहें तथा इस हेतु वन विभाग, पुलिस राजस्व विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप में ही त्वरित सूचनायें प्रेषित करने के निर्देश दियें। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान परिसंपत्तियों के नुकसान की सूचनायें तुरंत कंट्रोल रूम को लेना सुनिश्चित करेंगे।

जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों को चिन्हित करना सुनिश्चित करें

उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दियें कि वे जीर्ण- शीर्ण स्कूल भवनों को चिन्हित करना सुनिश्चित करें तथा वर्षाकाल में उन भवनों में शिक्षण कार्य न चलाकर अन्य भवनों में संचालित किया जाए। उन्होंने शिक्षा, बाल विकास, वन, जिला पंचायत राज अधिकारी, लोनिवि, आदि अधिकारियों को वे अपने-अपने स्कूल/विभागीय भवनों को चिन्हित करें, ताकि किसी भी प्रकार की आपदा आने पर प्रभावितों के लिए आश्रय स्थल के रूप में उपयोग में लाया जा सकें। उन्होंने दूरसंचार के अधिकारियों को मोबाइलों टावरों में डीजल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बनायें रखने के निर्देश दियें।

बैठक में मौजूद रहे

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी हरगिरि, राजकुमार पांडे, मोनिका, प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 पीएस जंगपांगी, पुलिस उपाधीक्षक अंकित कण्डारी, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी पंकज श्रीवास्तव, अधि0अभि0 जल संस्थान डीएस देवडी, केके जोशी, लोनिवि राजकुमार, विमल सुनठा, पेयजल निगम वीके रवि, प्रभारी शिक्षा अधिकारी चक्षुपति अवस्थी,  जिला आपदा प्रंबधन अधिकारी शिखा सुयाल, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी, एसडीआरएफ आदि मौजूद थे।

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