देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। कानपुर से एक खबर सामने आई है। जहां एक छोटे बच्चे की गुहार पर स्कूल के पास शराब की दुकान बंद होगी।
छोटे बच्चे ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानपुर के आजाद नगर के रहने वाले अधिवक्ता प्रसून दीक्षित का बेटा अथर्व दीक्षित कानपुर के एमआर जयपुरिया स्कूल में पढ़ता है। जिसमें एलकेजी के स्कूली छात्र अथर्व ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। जिसमें एलकेजी के छात्र ने पिता के मार्फत जनहित याचिका दायर कर स्कूल से 20 फीट की दूरी पर स्थित शराब ठेके को हटाने की मांग की थी। अथर्व ने स्कूल के करीब संचालित तीस साल पुरानी शराब की दुकान हटवाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि स्कूल के तीस मीटर से भी कम दायरे में संचालित शराब के ठेके पर आने वाले लोग शराब पी कर हुडदंग और हंगामा करते है। जिससे पढ़ाई में दिक्कत होती है। साथ ही भय का माहौल भी बना रहता है। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दाखिल याचिका पर सुनवाई की। जिसमें कोर्ट ने कानपुर के आजाद नगर में स्थित सेठ एमआर जयपुलरिया स्कूल के बगल शराब के ठेके का लाइसेंस मार्च 25 के बाद बढ़ाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्कूल के बगल पहले से शराब का ठेका है तो जरूरी नहीं हर साल ही उसका लाइसेंस बढ़ाया जाए।
हाईकोर्ट ने दिया यह आदेश
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने 5 वर्षीय छात्र मास्टर अथर्व की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। बच्चें ने पहले ठेके को बंद करने के लिए जिलाधिकारी से शिकायत की। इसके बाद मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की। जिसके बाद जिला आबकारी अधिकारी ने यह रिपोर्ट लगाई की स्कूल 2019 में खुला है जबकि, शराब का ठेका 30 साल पुराना है। जिस वजह से आबकारी के नियम इस पर लागू नहीं होते हैं। यहां से भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद अथर्व ने अपने परिवार की मदद से हाई कोर्ट की अधिवक्ता आशुतोष शर्मा के जरिए अपनी जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की। हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई।