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21 अगस्त विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस: परिवार की नींव होते हैं बुजुर्ग, इनका स्नेह और प्यार है अनमोल

आज 21 अगस्त 2022 है। आज सिनियर सिटीजन डे है। हर साल 21 अगस्त को नेशनल सिटीजन डे मनाया जाता है। भारत सरकार भी देश के वरिष्ठ नागरिकों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं चला रहा है। यह वो दिन है जब पूरी दुनिया बुजुर्गों के सम्मान में एक साथ खड़ी होती है। इस साल हम 33वां वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे सेलिब्रेट कर रहे है।

अमेरिका में हुई शुरुआत-

इसकी शुरुआत अमेरिका में हुई थी, और अभी अमेरिका के ही ज्यादातर देशों में इसे मनाया जाता है। इस दिन बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य बुजुर्ग वर्ग को सम्मान देना है। इस दिन के द्वारा उन्हें स्पेशल फील कराया जाता है, और साथ में उनके द्वारा किये गए कार्य को याद किया जाता है।

जानें इसका इतिहास-

1935 में अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रेंक्लिन रोसवैल्ट ने सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पर साइन किया था, जिसके अनुसार नेशनल सीनियर सिटीजन डे 14 अगस्त को मनाया जाता था। 1988 तक इसे 14 अगस्त को ही सेलिब्रेट किया गया। 1988 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 21 को नेशनल सीनियर सिटीजन डे घोषित किया। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका में वरिष्ठ नागरिकों जो अपने समुदायों में सकारात्मक योगदान देते है, उनको सम्मान देना था। वरिष्ठ नागरिको को प्रभावित करने वाले सामाजिक, स्वास्थ्य और आर्थिक मुद्दे को सबके सामने जागरूपता लाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

सीनियर सिटीजन डे मनाना है इसलिए जरूरी-

भारत देश हो या कोई और देश, हर जगह वरिष्ठ वर्ग को सम्मान देना बहुत जरुरी है। भारत में तो फिर भी बड़े बुजुर्ग को आज भी सम्मान दिया जाता है, उनसे पूछे बिना कोई कार्य नहीं किया जाता है, और सबसे बड़ी बात भारत में दुसरे देशों की तुलना में उतना अधिक बुजुर्ग को वृधाश्रम नहीं भेजा जाता है। अमेरिका या दुसरे देशों में वृद्ध को वृद्धाश्रम में रखने का प्रचलन है। वहां की संस्कृति यहाँ से अलग है। वहां तो अगर बच्चे कमाने लायक हो जाएँ तो उन्हें घर से बाहर रहना पड़ता है। वहां सब अपनी लाइफ में बिजी होते है, अपने परिवार के बड़ो पर ध्यान ही नहीं देते है। बच्चे कमाने के दुसरे शहर या देश में रहने लगते है, जिससे वरिष्ठ लोग या तो घर में अकेले रहते है, या साथ पाने के लिए वृधाश्रम चले जाते हैं। कुछ ऐसे भी लोग है जिन्हें उनके बड़े लोग बोझ लगने लगते है, और उनके बुढ़ापे की लाठी बनने के बजाय उन्हें घर से निकाल देते है। सीनियर सिटीजन डे मनाने से लोगों को एक दिन मिल जाता है अपने बड़ों को याद करने का और इसके साथ ही बुज़ुर्ग वर्ग को उनके परिवार के साथ समय बिताने का एक दिन मिल जाता है।

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