उत्तराखंड रोडवेज विभाग पर एक करोड़ पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा है। जो मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी ने उत्तराखंड रोडवेज विभाग पर लगाया है।
हादसे में महिला की जान जानें का मामला-
दरअसल उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रुड़की की सिविल लाइन कालोनी के रहने वाले डा. अर्निबाण मित्रा पुत्र अरुण कुमार मित्रा ने बताया कि उनकी पत्नी शर्मिष्ठा आइआइटी सहारनपुर में नौकरी करती थीं। 15 जुलाई 2015 को शाम साढ़े पांच बजे शर्मिष्ठा ड्यूटी समाप्त कर रुड़की स्थित अपने घर लौट रहीं थी। घंटाघर पर शर्मिष्ठा जब बस का इंतजार कर रहीं थीं तभी देहरादून डिपो की बस संख्या यूए07एम-3588 ने शर्मिष्ठा को टक्कर मार दी। जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी संजय कुमार के यहां उत्तराखंड रोडवेज विभाग के खिलाफ दावा किया गया। याचिका ने कहा कि यदि उनकी पत्नी जिंदा होती तो उनका वेतन एक से डेढ़ लाख रुपये तक होता। देहरादून डिपो के बस चालक की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हुई है।
रोडवेज बस पर जुर्माना-
जिसके बाद मामले में सात साल से सुनवाई चल रही थी। गत 14 सितंबर को पीठासीन अधिकारी ने रोडवेज विभाग और याचिका के सुबूतों को देखते हुए एवं गवाहों को सुनने के बाद रोडवेज विभाग उत्तराखंड पर 70 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया। वहीं, हादसे के वक्त से लेकर अब तक 70 लाख पर सात प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देना होगा। ब्याज मिलाकर यह रकम एक करोड़ पांच लाख रुपये बैठ रही है। जिसे 30 दिन के अंदर रोडवेज विभाग को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सहारनपुर में जमा करना होगा।