आज 29 जनवरी है। आज माघ महीने की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी है। आज महागौरी की पूजा आराधना की जाती है। आज गुप्त नवरात्रि की दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाएगा। देवी को प्रसन्न करने, उनसे सिद्धियां प्राप्त करने और मंत्रों को सिद्ध करने के लिए गुप्त नवरात्रि सर्वाधिक महत्व रखती है।
गुप्त नवरात्रि होती है सिद्धिदायक
वर्ष में चार बार नवरात्रि आती हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक दो प्रकट नवरात्रि होती हैं और माघ व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि भी प्रकट नवरात्रि की तरह ही सिद्धिदायक होती हैं, बल्कि ये प्रकट से भी ज्यादा प्रबल होती हैं। गुप्त नवरात्रियां सिद्ध शक्तियां प्राप्त करने के लिए तांत्रिकों, शाक्तों के लिए सबसे सिद्ध दिन होते हैं।
दुर्गा अष्टमी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन के लिए मान्यता है कि दुर्गम नाम के क्रूर राक्षस ने अपनी क्रूरता से तीनों लोकों को पर अत्याचार किया हुआ था। उसके आतंक के कारण सभी देवता स्वर्ग छोड़कर कैलाश चले गए थे। दुर्गम राक्षस को वरदान था कि कोई भी देवता उसका वध नहीं कर सकता, सभी देवता ने भगवान शिव से विनती कि वो इस परेशानी का हल निकालें. इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्तियों को मिलाकर शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन देवी दुर्गा को जन्म दिया। इसके बाद माता दुर्गा को सबसे शक्तिशाली हथियार दिया गया और राक्षस दुर्गम के साथ युद्ध छेड़ दिया गया। जिसमें माता ने राक्षस का वध कर दिया और इसके बाद से दुर्गा अष्टमी की उत्पति हुई।
पूजा- अर्चना- मुहूर्त
माघ, शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ – सुबह 08:58 जनवरी 28 माघ, शुक्ल अष्टमी समाप्त सुबह 09:20 जनवरी 29
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