देश में बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों से निजात पाने की दिशा में भारत सरकार कई कदम उठा रही है। देश में जल्द ही पेट्रोल-डीजल नहीं, बल्कि एथेनॉल पर गाड़ियां दौड़ेने वाली हैं। जी हां, रविवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में पहले कमर्शियल लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) फिलिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में बढ़ रही पेट्रोल की कीमत से राहत देने के लिए हम दूसरे ईंधनों पर काम कर रहे हैं। एलएनजी, सीएनजी और एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के अधिक उपयोग से पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से राहत मिलेगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि पेट्रोल की तुलना में एथेनॉल का उपयोग कम से कम 20 रुपये प्रति लीटर बचाने में मदद करेगा।
प्रति वाहन होगी 11 लाख रुपये की बचत
एलएनजी के बारे में वह कहते हैं कि एक पारंपरिक ट्रक इंजन को एलएनजी इंजन में बदलने की औसत लागत 10 लाख रुपये है। ट्रक या बस साल में लगभग 98,000 किलोमीटर चलते हैं, इसलिए एलएनजी में बदलने के बाद 9-10 महीनों में प्रति वाहन 11 लाख रुपये की बचत होगी। बता दें, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत इस वक्त अर्थव्यवस्था में पेट्रोल-डीजल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
जल्द लिया जायेगा फ्लेक्स इंजन पर निर्णय
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं कि हमें चावल, मक्का और चीनी को बर्बाद होने से बचाने के लिए उसके सरप्लस यानि अधिशेष का उपयोग करना होगा। इस दौरान फ्लेक्स इंजन पर भी बात हुई। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में चौपहिया और दुपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स इंजन अनिवार्य करने के संबंध में तीन महीने में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका, कनाडा और ब्राजील जैसे कई देशों के पास फ्लेक्स इंजन पहले से ही हैं। उन्होंने कहा कि वाहन की कीमत एकसमान रहती है, चाहे वह पेट्रोल हो या फ्लेक्स इंजन।
क्या है फ्लेक्स इंजन?
दरअसल, भारत सरकार काफी समय से फ्लेक्स इंजन के मॉडल पर काम कर रही है। फ्लेक्स इंजन वाली कार में इंधन के कई तरह के विकल्प दिए जाते हैं। फ्लेक्सिबल इंजन एक तरह से किसी वाहन का एक मोडिफाइड वर्जन है, जिसमें वाहन गैसोलीन या एथेनॉल मिक्स करके चलाया जा सकता है।
फ्लेक्स इंजन से होगी 35 रुपये तक की बचत
केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस ईंधन की कीमत 60-62 रुपये प्रति लीटर होगी, जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा है। एथेनॉल के इस्तेमाल से लोग प्रति लीटर 30-35 रुपये की बचत कर पाएंगे। एक और जहां पैसों की बचत होगी वहीं, इससे प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता भी घटेगी और देश में प्रदूषण का स्तर कम करने में मदद मिलेगी।