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15 अक्टूबर: कलश स्थापना के साथ आज से शुरू हो रहें शारदीय नवरात्र, इस बार बन रहा यह दुर्लभ शुभ संयोग

आज 15 अक्टूबर है। आज से आश्विन नवरात्र की शुरुआत हो‌ गई है। हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

आज से शारदीय नवरात्र शुरू

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्र के दिन माता कैलाश पर्वत से धरती पर अपने मायके आती हैं। इस वर्ष देवी का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 15 अक्टूबर को होगा और विदाई दशमी तिथि यानी 24 अक्टूबर को होगी। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है।

मां शैलपुत्री पूजन विधि

नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। इस दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें। पूजा के पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित कर लें और शुभ मुहूर्त में घट स्थापना कर लें। अब पूर्व की ओर मुख कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और माता का चित्र स्थापित करें. सबसे पहले गणपति का आह्वान करें और इसके बाद हाथों में लाल रंग का पुष्प लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें। मां की पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का उपयोग करना चाहिए। मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प चढ़ाएं। माता के मंत्रों का जप करें। घी से दीपक जलाएं। मां की आरती करें। शंखनाद करें। घंटी बजाएं। मां को प्रसाद अर्पित करें।

बन रहा यह योग

रिपोर्ट्स के मुताबिक आचार्यों के अनुसार, इस बार नवरात्र में बेहद दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है। बताया गया है कि इस बार नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एकसाथ बनते नजर आएंगे।

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