उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये देश को भूख और गरीबी, अज्ञान, निरक्षरता, भेदभाव जैसी सामाजिक अक्षमताओं से मुक्त करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, “आज महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रपिता की पावन स्मृति को सादर प्रणाम करता हूं जिन्होंने हमारे स्वाधीनता आंदोलन को सत्य और अहिंसा का नैतिक आधार प्रदान किया।”
गांधीजी का आंदोलन मूलत: सामाजिक, आर्थिक और नैतिक सुधार का आंदोलन
उन्होंने कहा, “गांधीजी का आंदोलन मूलत: सामाजिक, आर्थिक और नैतिक सुधार का आंदोलन था जिसमें देश की प्रगति के साथ-साथ दुर्बल वर्गों, महिलाओं, किसानों और ग्रामीण भारत के समावेशी उत्कर्ष की भी चिंता थी।”
देश को भूख और गरीबी, अज्ञान, निरक्षरता, भेदभाव जैसी सामाजिक अक्षमताओं से मुक्त करने का संकल्प लें
एम वेंकैया नायडू ने कहा, “आपसी सौहार्द्र, सामाजिक एकता, आत्मनिर्भरता, स्वच्छता और अपने परिवेश के अनुकूल जीवनशैली सुनिश्चित कर के हम राष्ट्रपिता को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। देश को भूख और गरीबी, अज्ञान, निरक्षरता, भेदभाव जैसी सामाजिक अक्षमताओं से मुक्त करने का संकल्प लें।”