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विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में हुई रेडियो की महत्ता पर विस्तार से चर्चा

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर रेडियो की महत्ता पर विस्तार से चर्चा हुई।

सूचना, शिक्षा और जागरूकता के लिए रेडियो का योगदान भुलाया नहीं जा सकता

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,परिसर अल्मोड़ा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रभारी डॉ ललित जोशी ने  इस अवसर पर कहा कि विकास में रेडियो की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सूचना, शिक्षा और जागरूकता के लिए उसका योगदान भुलाया नहीं जा सकता। सामाजिक समस्याओं के निदान करने में तथा कोरोनकाल, आपदाओं में यह जनता को साहस देने का काम कर रहा है। सामुदायिक विकास, ग्रामीण विकास में  रेडियो ने सर्वांगीण विकास किया है। उन्होंने कहा कि आज भी रेडियो की प्रासंगिकता बनी हुई है। हमें इस देश की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा के प्रति सद्भाव रख रेडियो के कार्यक्रमों को सुनना चाहिए।

सभी छात्राओं ने रखे अपने विचार

इस अवसर पर जर्नलिज्म की छात्रा स्वाति तिवारी ने कहा कि रेडियो ने जनमानस को सूचना पहुंचाने में मदद की है। आकाशवाणी ने मनोरंजन सामग्री का प्रसारण किया है।  रोशनी बिष्ट ने कहा कि रेडियो ज्ञान की सामग्री प्रस्तुत कर आज भी लोकप्रिय हो रहा है। शैली मंसूरी ने कहा कि रेडियो जन जन की बातों को प्रसारित करता है। सभी वर्ग को ध्यान में रखकर कार्यक्रमों का निर्माण किया जा रहा है। ज्योति नैनवाल ने कहा कि रेडियो की भूमिका को आज के समय में नकारा नहीं जा सकता। उसने लोगों को शिक्षित किया है। दिव्या नैनवाल  ने कहा कि रेडियो ने जनता को जागरुक करने में अपना योगदान किया है। रेडियो लोक से जुड़ा है।

जागरूक किया

विभाग की छात्र-छात्राओं ने विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर पम्पलेट एवं पोस्टर निर्मित कर जनता को जागरुक किया।

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