प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निचले स्तर पर पुलिस व्यवस्था की जरूरतें पूरी करने और देशभर में पुलिस बलों की सुविधा के लिए परस्पर-संचालन योग्य प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
विभिन्न रैंकों के 400 से अधिक अधिकारियों ने सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया
प्रधानमंत्री ने रविवार को लखनऊ में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 56वें सम्मलेन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने शनिवार और रविवार भी सम्मेलन के सभी सत्रों में हिस्सा लिया। सम्मेलन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 62 महानिदेशकों और महानिरीक्षकों तथा केंद्रीय सशात्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के महानिदेशकों ने हिस्सा लिया। देशभर से गुप्तचर ब्यूरो के विभिन्न रैंकों के 400 से अधिक अधिकारियों ने सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया
कल तीसरे पहर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस से संबधित सभी घटनाओं के विश्लेषण औऱ मामलों के अध्ययन की व्यवस्था करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उनका इस्तेमाल संस्थागत अध्ययन के लिए किया जा सके। प्रधानमंत्री ने सम्मलेन के दौरान बहुमूल्य सुझाव दिये। सम्मेलन के दौरान पुलिस महानिदेशकों के विशेष समूह बनाए गए थे, जिन्होनें काराग़ार सुधार, आंतकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी, गैर सरकारी संगठनों को विदेश से वित्त पोषण, ड्रोन संबंधी मामले और सीमावर्ती क्षेत्र में गांव के विकास, जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री के नेतृत्व में उच्च अधिकार प्राप्त पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन बनाने की आवश्यकता जताई, ताकि निचले स्तर पर पुलिस की जरूरते पूरी करने के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाई जा सके। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गुप्तचर ब्यूरो कार्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से भी सम्मनित किया।