March 29, 2024

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प्रधानमंत्री मोदी ने किया ई-कोर्ट परियोजना’ का शुभारंभ, कहा हमारे संविधान की स्पिरिट, यूथ सेंट्रिक है




पीएम मोदी ने आज सुप्रीम कोर्ट में ‘संविधान दिवस’ समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने ‘ई-कोर्ट परियोजना’ का शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट का शुभारंभ किया है। आइए अब जानते हैं कि ‘ई कोर्ट परियोजना’ से कौन से काम आसान होंगे और इसका उद्देश्य क्या है..?

क्या काम करेगी ‘ई-कोर्ट परियोजना’ ?

दरअसल, यह पहल अदालतों की आईसीटी सक्षमता के माध्यम से वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को सेवा प्रदान करने का महत्वपूर्ण प्रयास है। यह वर्चुअल जस्टिस क्लाक अदालत स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें अदालत स्तर पर स्थापित मामलों, निपटाए गए मामलों और दिन, सप्ताह और महीने के आधार पर लंबित मामलों का विवरण दिया गया है। लोग किसी भी जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी न्यायालय प्रतिष्ठान की आभासी न्याय घड़ी का उपयोग कर सकते हैं।

भारत ने 17 बार आम चुनावों का साक्षी बना भारत

भारत के साथ आजाद हुए करीब 50 देशों में से कहीं भी लोकशाही वहां के जनजीवन में वो पैठ नहीं बन पाई, जो हमारे देश में बनी है। भारत के पड़ोसी देशों में जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे किसी भी देश में लोकतंत्र कभी भी खुली हवा में सांस नहीं ले पाया। वह हर समय सैनिक तानाशाही की संगीनों से भयभीत रहा। इस बीच भारत ने 17 बार आम चुनावों के माध्यम से केंद्र की सत्ता के शालीन हस्तान्तरण के गौरवपूर्ण क्षणों के साक्षी रहे हैं। आम आदमी का जीवन स्तर बेहतर हुआ है। भारतीयों ने पूरे विश्व में अपनी क्षमता की छाप छोड़ी है।

PM मोदी ने देशवासियों को दी संविधान दिवस की शुभकामनाएं

इस अवसर पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 1949 में, ये आज का ही दिन था, जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नए भविष्य की नींव रखी थी। उन्होंने कहा कि मैं आधुनिक भारत का सपना देखने वाले बाबा साहेब अंबेडकर समेत संविधान सभा के सभी सदस्यों को, सभी संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि जनकेंद्रित नीतियां भारत और इसके नागरिकों को सशक्त बनाने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय और पहल कर रही है। पीएम मोदी ने कहा, हमारा संविधान ओपन है, फ्यूचरिस्टिक है, और अपने आधुनिक विजन के लिए जाना जाता है। इसलिए, स्वाभाविक तौर पर, हमारे संविधान की स्पिरिट, यूथ सेंट्रिक है। खेल से स्टार्टअप तक, सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर डिजिटल भुगतान तक, युवाशक्ति भारत की प्रगति में योगदान दे रही है। पीएम मोदी ने कहा, भारत जल्द ही जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। हमें टीम इंडिया के रूप में काम करना है और दुनिया के सामने भारत को गौरवान्वित करना है। पीएम मोदी ने आगे कहा, आजादी का ये अमृतकाल देश के लिए कर्तव्यकाल है। चाहे व्यक्ति हों या संस्थाएं, हमारे दायित्व ही आज हमारी पहली प्राथमिकता हैं। अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए ही हम देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।

73 वर्ष पहले आज ही के दिन संविधान को किया गया अंगीकृत

उल्लेखनीय है कि 73 वर्ष पहले 26 नवंबर, 1949 को हमने अपने संविधान को अधिनियमित व अंगीकृत किया था। तब से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया है। किसी राष्ट्र के जीवनकाल में यह बहुत बड़ा कालखंड नहीं माना जाता, किन्तु इन वर्षों में उस राष्ट्र के भविष्य की पीठिका तैयार हो जाती है। संविधिक विकास के लिहाज से शुरुआती कुछ दशक अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इनमें कानूनी व्यवस्था का नया ढांचा तैयार होता है। उसे आत्मसात करने की परम्परा विकसित की जाती है और कानून की न्यायिक व्याख्या की दिशा तय होती है।

संविधान आजादी और खुशहाली के वादे का दस्तावेज

संविधान के माध्यम से हमने अपने राष्ट्र को प्रभुतासम्पन्न, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया तथा समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय देने का संकल्प लिया। हमने ऐसे समाज की परिकल्पना की, जिसमें विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म तथा उपासना की स्वतंत्रता के साथ ही सभी नागरिकों के लिए प्रतिष्ठा और अवसर की समानता हो। संविधान आजादी और खुशहाली के वादे का दस्तावेज होता है।

केवल इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले का दिन भी है। 14 वर्ष पहले, जब भारत, अपने संविधान और अपने नागरिकों के अधिकारों का पर्व मना रहा था, उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला किया था। उन्होंने