भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना अब ऑस्ट्रेलिया से होगा। भारतीय टीम पांच मैचों में दो जीत के साथ पूल ए में चौथे स्थान पर रही। दरअसल भारत को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के मैच पर निर्भर रहना था। टूर्नामेंट के नियमों के तहत हर ग्रुप से शीर्ष चार टीमों को ही क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई करना था। ब्रिटेन ने आयरलैंड को कल खेले गए रोमांचक मुकाबले में 2-0 से हराया। भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले खेलकर ग्रुप ए में चौथे स्थान पर रही।
हैट ट्रिक मार वंदना ने रचा इतिहास
उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले की वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए अहम मुकाबले में उन्होंने तीन गोल दागे और टीम को जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई। इसी के साथ वंदना ओलंपिक इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
1984 के बाद किसी भारतीय खिलाड़ी ने ओलंपिक में गोल हैट्रिक नहीं लगाई थी
जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1984 के बाद किसी भारतीय खिलाड़ी ने ओलंपिक में गोल हैट्रिक नहीं लगाई थी। आखिरी बार 1984 ओलंपिक में पुरुष हॉकी खिलाड़ी विनीत शर्मा ने गोल की हैट्रिक लगाई थी। विनीत शर्मा ने मलेशिया के खिलाफ मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी।
41 साल बाद ओलंपिक में जीत दर्ज की है
इससे पूर्व आयरलैंड के खिलाफ भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपना मुकाबला 1-0 से जीता था। ये जीत भारत को चौथे क्वार्टर में मिली। इस मैच में जब आखिरी के 3 मिनट बचे थे तो भारत के लिए ये गोल रानी रामपाल और नवनीत कौर की सूझबूझ से हुआ। इस जीत के साथ भारतीय महिला हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में जीत दर्ज की है। इससे पहले उसने आखिरी बार टीम ने 1980 के मास्को ओलिंपिक में जीत दर्ज की थी।
ओलंपिक इतिहास में पहली बार क्वार्टर फाइनल में भारत
ओलंपिक खेलों के इतिहास में भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल हुई है। कप्तान रानी रामपाल की अगुवाई में टीम ने ग्रुप स्टेज में 2 मैच जीते थे, जबकि 3 में उसे हार मिली थी।