सरकार ने सौर और पवन स्रोतों से उत्पन्न बिजली के पारेषण पर अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली- आई.एस.टी.एस. शुल्क की छूट 30 जून 2025 तक बढ़ा दी है। इससे पहले, यह छूट 30 जून 2023 तक थी।
आई.एस.टी.एस. शुल्क की छूट की भी अनुमति दी गई
बिजली मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। 30 जून 2025 तक चालू होने वाले पन बिजली स्टोरेज प्लांट और बैटरी चालित स्टोरेज सिस्टम परियोजनाओं के लिए आई.एस.टी.एस. शुल्क की छूट की भी अनुमति दी गई है।
ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा
इससे विद्युत ग्रिड में अक्षय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर एकीकरण से उत्पन्न ग्रिड की संतुलन आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
इस कदम से सौर, पवन, हाइड्रो पंप भंडारण संयंत्र और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही बिजली एक्सचेंजों में आर.ई. का व्यापार और राज्यों में आरई बिजली के निर्बाध संचरण भी बेहतर होगा।
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