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ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू के ट्विटर अकाउंट को किया अनवेरिफाइड, जाने किस स्थिति में हटाया जाता है ब्लू टिक

आज के समय में फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और ट्विटर सबसे ज्यादा चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। इनसे आज करोड़ों में लोग जुड़े है। इसके माध्यम से हमें देश दुनिया की भी खबरें मिलती है। इसके जरिए लोग दुनियाभर में घट रही घटनाओं पर अपनी राय भी रखते हैं । लेकिन कई बार इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। ऐसे में भारत सरकार की नई गाइडलाइन को 26 मई से पालन करना अनिवार्य था। जिसके बाद भी अभी तक ट्विटर ने भी कोई निर्देशों को नहीं अपनाया है। ट्विटर ने जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है।

उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू का ट्विटर अकाउंट हुआ अनवेरिफाइड-

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने देश के उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू के के ट्विटर अकाउंट को अनवेरिफाइड कर दिया है। ट्विटर ने उसमें से ‘ब्लू टिक’ को हटा दिया है।

ट्विटर पर लोगों का फूटा गुस्सा-

जिसके बाद से ट्विटर पर लोगों से भी अपनी प्रतिक्रिया दी । जैसे ही उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटने की खबर आई तो ट्विटर पर ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। जिसमें कई बड़े नेता भी शामिल हुए।

अकाउंट सक्रिय न होने की वजह से भी हो सकता है अनवेरिफाइड-

वही कई यूजर्स का मानना है कि अकाउंट सक्रिय नहीं होने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। इस कारण से उपराष्ट्रपति के अकाउंट को अनवेरिफाइड कर दिया हो।

जाने कब हटाया जाता है ब्लू टिक

ट्विटर की सेवा की शर्तों के अनुसार, यदि कोई अपने हैंडल का नाम (@handle) बदलता हैं, यदि किसी का अकाउंट निष्क्रिय या अधूरा हो जाता है, या यदि कोई यूजर अब उस स्थिति में नहीं हैं, जिसके कारण आपको शुरू में सत्यापित किया गया था – जैसे कि एक निर्वाचित सरकारी अधिकारी जो कार्यालय छोड़ देता है – और सत्यापन के लिए हमारे मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो आप अपना बैज खो सकते हैं

ट्विटर ने अब तक भारत सरकार की नई गाइडलाइन में नहीं दी है कोई रजामंदी-

नई गाइडलाइन को अभी तक ट्विटर ने अपनी रजामंदी नहीं दी है। कुछ दिन पहले ही कंटेंट फिल्टरिंग को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तर पर छापेमारी की थी।

भारत सरकार की नई गाइडलाइन-

भारत सरकार की नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा।  देश में इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी (नोडल अधिकारी, रेसिडेंट ग्रीवांस अधिकारी) को नियुक्त करना होगा। केंद्र सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइन के तहत शिकायत के 24 घंटे के भीतर सोशल प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। इसी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हर महीने अपनी रिपोर्ट जारी करनी होगी। इसके अलावा किन पोस्ट और कंटेंट को हटाया गया या क्यों हटाया गया , इसके बारे में भी बताना होगा। 

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