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उत्तराखंड: मुनस्यारी में बने देश के पहले लाइकेन गार्डन को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र में मिली जगह, हुआ विश्व प्रसिद्ध

उत्तराखंड अपनी खुबसूरती के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है। वही अब मुनस्यारी में बने देश के पहले लाइकेन गार्डन को अब अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र ने भी जगह दे दी है। इंटरनेशनल लाइकेन लॉजिकल न्यूज लेटर ने विस्तार से इस गार्डन को अपने पत्र में शामिल किया है।

मुनस्यारी (पिथौरागढ़) में देश का पहला लाइकेन गार्डन तैयार-

उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने बार्डर एरिया मुनस्यारी (पिथौरागढ़) में देश का पहला लाइकेन गार्डन तैयार किया
। पिछले साल जून में वन अनुसंधान केंद्र ने मुनस्यारी में करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर लाइकेन गार्डन तैयार किया था। प्रदेश में लाइकेन की छह सौ प्रजातियां मिलती हैं जबकि देश में कुल 2714 हैं। वही इस गार्डन में 120 प्रजातियां मिलेंगी।

इंटरनेशनल एसोसिएशन फोर लाइकेनलोजी हर साल तैयार करता है रिसर्च पेपर-

इंटरनेशनल एसोसिएशन फोर लाइकेनलोजी हर साल दुनिया भर में लाइकेन के शोध और नई प्रजातियों के मिलने व इनकी वर्तमान स्थिति को लेकर एक रिसर्च पेपर तैयार करती है।

जाने कहां मिलता है लाइकेन-

लाइकेन फंगस व शैवाल का मिश्रण होती है। यह उत्तराखंड के नीति घाटी, तपोवन व चकराता के जंगलों में सबसे ज्यादा पाई जाती है। इसका इस्तेमाल इत्र व सनक्रीम बनाने में किया जाता है।

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