उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। टिहरी झील में आयोजित चार दिवसीय वाटर स्पोर्ट्स कप का रविवार को रोमांचक प्रतियोगिताओं और रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया। प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने कयाकिंग और कैनोइंग में शानदार प्रदर्शन किया। जबकि सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने बटिना भागिना, हे नंदा भवानी से लेकर कई मनमोहक प्रस्तुतियां दी
स्कीइंग के माध्यम से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है कार्य
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप का समापन करते हुए कहा कि सरकार टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उत्तराखंड में स्कीइंग के माध्यम से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टिहरी के लोगों ने बांध निर्माण के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन और घर त्याग कर ऊर्जा के मंदिर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिस कारण देश-विदेश में टीएचडीसी का नाम प्रसिद्ध हुआ है। ऐसे में टिहरी के लोगों के हितों की रक्षा, उन्हें रोजगार, स्वरोजगार और उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाना चाहिए।
कोटी और कोटेश्वर में बन रही वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी
मंत्री ने प्रतिभागी खिलाड़ियों और आयोजकों के साथ ही अपने दो बेटों के साथ झील में बिना लाइफ सेविंग जैकेट के तैराकी करने वाले त्रिलोक सिंह रावत को भी सम्मानित किया। टीएचडीसी के निदेशक वित्त जे बेहरा और अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि टिहरी झील में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है। कोटी और कोटेश्वर में वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी का का निर्माण किया जा रहा है। भारतीय कायाकिंग और कैनोइंग संघ के अध्यक्ष प्रशांत कुशवाहा ने कहा कि टिहरी झील वाटर स्पोर्ट्स के लिए सर्वोत्तम स्थान है। सरकार को वर्ष में एक बार यहां विश्वस्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित करनी चाहिए।
समापन समारोह में कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक दी प्रस्तुतियां
समापन से पहले आयोजित सांस्कृतिक संध्या में केंद्रीय सूचना ब्यूरो के सहयोग से आंचल कला मंच के कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। लोक कलाकार दर्शन फर्स्वाण और उनकी टीम ने नंदा राज जात, बेडू पाको बारमासा से लेकर छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दी।
मौजूद रहे
इस मौके पर जिला जज योगेश कुमार गुप्ता, सीडीओ मनीष कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, पूर्व मंत्री शूरवीर सजवाण, उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ.डीके सिंह आदि मौजूद रहे।