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उत्तराखंड: राज्य के दस शहरों की सभी संपत्तियों की जीआईएस आधारित मैपिंग होगी शुरू

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। राज्य के दस और निकायों में जल्द ही सभी संपत्तियों की जीआईएस आधारित मैपिंग शुरू होने जा रही है। इससे पहले चार शहरों में प्रथम चरण की मैपिंग अंतिम दौर में पहुंच चुकी है।नगर निगम सभागार में संपत्ति मानचित्रण सर्वेक्षण को लेकर कार्यशाला हुई।

छह नगर पालिका के प्रतिनिधियों को दिया गया प्रशिक्षण

इसमें शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि आठ नगर निगम सहित छह नगर पालिका के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि संपत्ति मानचित्रण के क्षेत्र में प्रथम चरण में चार प्रमुख शहर रुद्रपुर, हल्द्वानी, हरिद्वार और देहरादून लगभग पूरा होने वाले हैं।

परियोजना के दूसरे चरण में 10 और शहरों नगर निगम का शुरू होगा कार्य

परियोजना के दूसरे चरण में 10 और शहरों नगर निगम कोटद्वार, ऋषिकेश, काशीपुर, रुड़की, नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल, मसूरी, चमोली-गोपेश्वर, पौड़ी का कार्य शुरू होने जा रहा है। रुद्रपुर नगर निगम का संपत्ति मानचित्रण का करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बताया कि मैप की गई संपत्तियां ऑनलाइन उपलब्ध होंगी और नागरिकों की ओर से मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से उपयोग की जाएंगी।शहरी विकास अपर निदेशक अशोक कुमार पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार शहरी स्थानीय निकायों के विकास के लिए कई बड़ी योजनाएं चला रही है। उन निकायों को अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रही है, जो शहरी विकास में अच्छा काम कर रहे हैं।

परियोजनाओं से यह होगा लाभ

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि जैसे-जैसे हमारे शहरों का विस्तार हो रहा है और हमारे ग्रामीण क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, हमारी संपत्तियों का सटीक आकलन और प्रबंधन करने के लिए एक कुशल और विश्वसनीय प्रणाली का होना अनिवार्य हो गया है। एक मजबूत जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित संपत्ति सर्वेक्षण प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि भूकर मानचित्र, भूमि रिकॉर्ड और संपत्ति की सीमाएं सटीकता के साथ दर्ज की जाएं।

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