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उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर जाने का है प्लान, तो इन बातों का रखें खास ध्यान, बरतें यह सावधानी

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में स्थित चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। 10 मई से चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। इसके साथ ही आज बदरीनाथ धाम के भी कपाट खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खोल दिए गए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम पंहुच रहें हैं। वहीं उत्तराखंड में मौसम में भी बदलाव हो रहा है। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों को सावधानियां बरतने की सलाह दी है।

बरतें यह सावधानी

📌📌अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर मुश्किल कसरत न करें। अगर अधिक समय के लिए यहां रह रहे हैं तो पहले 48 घंटों के लिए कसरत को बेहद कम रखें।
रोजाना कम से कम 2 लीटर तरल पदार्थ पिएं। गर्म मीठे तरल पदार्थ बेहतर हैं।
📌📌अगर लक्षण बिगड़ता दिखे तो फौरन हेल्थ सेंटर से संपर्क करना चाहिए।
📌📌अगर आपको अत्यधिक थकान, सांस फूलना और खांसी आदि के लक्षण दिखे तो किसी भी न्यूरोलॉजिकल लक्षण के बारे में हेल्थ सेंटर को सूचित करें।
📌📌आप डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या अस्थमा जैसी किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं तो अपने साथ सभी जरूरी दवाओं/इनहेलर/सीरिंज आदि की पर्याप्त इंतजाम रखें।
📌📌डायबिटीज रोगी हैं और पोर्टेबल हैं तो कृपया ग्लूकोमीटर अपने साथ रखें।
📌📌हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त हैं तो अपनी स्थिति पर नज़र रखने के लिए स्फिग्मोमैनोमीटर जरूर पास रखें।
📌📌यात्रा को दौरान आपकी आंखों, नाक और मुंह में ज्यादा सूखापन हो सकता है। ऐसी हालत में आई ड्रॉप / सेलाइन नेज़ल ड्रॉप इस्तेमाल करें।
📌📌अगर दवाइयों के बावजूद बीमारी के लक्षण बढ़ रहे हों और कोई दवा/डॉक्टर उपलब्ध न हो, तो ऊंचाई से तुरंत नीचे उतरें। 1000 मीटर नीचे उतरने से ही इन दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी।
📌📌सिरदर्द/मतली/चक्कर आ सकता है, जो पहाड़ी बीमारी के तीव्र लक्षण हैं। ये आम तौर पर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। फिर भी आप सावधानी के लिए पेरासिटामोल या मतली रोधी दवा ले सकते हैं।

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