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उत्तराखंड: गैर इरादतन हत्या के मामले में मां-बेटे को 7-7 साल की सजा

देहरादून: गैर इरादतन हत्या के एक मामले में आरोपित मां व बेटे को दोषी करार देते हुए अदालत ने दोनों को 7-7 साल की कैद व 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर दोनों को तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

यह है पूरा मामला

मामला 2017 का है, कमला देवी साहिब सिंह के मकान पर किराए में रहते थे। दूसरे कमरे में सीता देवी और उसका बेटा राजेश कुमार रहते थे। 28 मई को किसी बात को लेकर उनके बीच विवाद हो गया। जिसके बाद सीता देवी और उसके बेटे राजेश कुमार ने कमला देवी और उसके बेटे सागर तिवारी को बुरी तरह से पीट दिया। सीता देवी व उसके बेटे ने टीवी के रिमोट से सागर तिवारी के गुप्तांगों पर वार किया, जिसके कारण वह बुरी तरह से घायल हो गया। इलाज के लिए उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां 23 जून 2017 को सागर तिवारी की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

मकान मालिक का परिवार बना चश्मदीद गवाह

कमला देवी ने आरोपी सीतादेवी और उसके बेटे राजेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मामले में कमला देवी का मकान मालिक साहिब सिंह उनकी पत्नी व बेटी चश्मदीद गवाह बने। मेडिकल रिपोर्ट में भी सागर तिवारी की मौत की वजह गुप्तांग पर चोट लगना आया। घटना के समय आरोपित राकेश कुमार नाबालिक था इसलिए मामला पोक्सो कोर्ट में आया। स्पेशल जज पोक्सो मीना देओपा की अदालत ने गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोपी सीता देवी व उसके बेटे राकेश कुमार को 7-7 वर्ष की कैद साथ ही 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंडअदा न करने पर दोनों को 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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