उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक एसिड अटैक पीड़िता के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। यह सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ के समक्ष हुई।
हाईकोर्ट का एतिहासिक फैसला
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को एसिड अटैक पीड़िता को 35 लाख का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उसके इलाज का संपूर्ण खर्च वहन करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें यह भी कहा गया कि चाहे वह इलाज किसी अन्य संस्थान में उत्तराखंड राज्य के बाहर दिल्ली या चंडीगढ़ में हो।
जानें पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला उधम सिंह नगर जिले के जसपुर का है। एसिड अटैक पीड़िता गुलनाज खान ने 2019 में हाईकोर्ट में मुआवजा दिलाए जाने के लिए याचिका दायर की थी। जिसमें एसिड अटैक पीड़िता गुलनाज खान की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में मुआवजे की धनराशि बढ़ाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा कि एसिड अटैक के समय याची 12वीं कक्षा की छात्रा थी और नाबालिग थी। अज्ञात व्यक्ति की ओर से दिए प्रेम प्रसंग के प्रस्ताव को ठुकराए जाने के कारण उस पर एसिड अटैक किया गया जिससे वह 60 प्रतिशत से भी ज्यादा जल गई। चिकित्सकों की ओर से भी इसे प्रमाणित किया गया है। घटना में उसका दाहिना कान पूरी तरह खराब हो गया था और दूसरे कान की 50 प्रतिशत सुनने की क्षमता भी चली गई थी। शरीर के कई अंगों में गंभीर जलन व चोटें आई थी। यह थर्ड डिग्री बर्न था। साथ ही इस मामले में आरोपी को 2016 में निचली अदालत ने 10 वर्ष के कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने पीड़िता को 1.5 लाख रुपये की चिकित्सा प्रतिपूर्ति दिलाए जाने के आदेश दिए थे। पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस जघन्य अपराध की प्रतिपूर्ति सरकार से कराए जाने और उसे 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की मांग की।
पीड़िता की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी ने दिलाया न्याय
जिस पर हटायाइस पर अंतिम सुनवाई के दौरान, सरकार की ओर से यह पक्ष रखा गया कि याची को इसके लिए सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बजाय अलग फोरम पर आवेदन देना चाहिए। सरकार ने यह भी कहा कि ऐसे एक प्रकरण में लाभ देने से सभी लोग ऐसी प्रतिपूर्ति चाहेंगे। इसके जवाब में याची की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी ने उच्च न्यायालय को बताया गया कि एक एसिड अटैक पीड़िता के मामले में उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। जबकि राजनीतिक मामलों में सरकार करोड़ों रुपया देती है। जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि एक पीड़िता की इज्जत, उसकी पूरी जिंदगी भर जिस तरीके से उसको इस साए में रहना पड़ेगा, उसकी प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए। इन तर्कों के बाद हाईकोर्ट ने पीड़िता 35 लाख रुपये मुआवजा, उसकी चिकित्सा और सर्जरी पर होने वाले व्यय का भुगतान राज्य सरकार को करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट द्वारा लिए गए इस फैसले को एसिड अटैक पीड़िता के लिए ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है।